नयी दिल्ली , सरकार ने अंतरिक्ष तकनीक के माध्यम से देश के सभी खानों की पैनी निगरानी प्रारंभ कर दी है और इस तकनीक के माध्यम से अवैध खनन के तकरीबन पौने तीन सौ मामले सामने आये हैं जिनमें 29 के विरुद्ध कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है।
खनन एवं ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने यहां लोकसभा में प्रश्नकाल में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने अवैध खनन की निगरानी के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की मदद ली है और ऊपर से एक ष्दिव्य नज़र अवैध खनन पर नज़र रखी जा रही है।
गोयल ने बताया कि खान मंत्रालय ने भारतीय खान ब्यूरो ;आइबीएम के माध्यम से देश में अवैध खनन गतिविधियों की रोकथाम में राज्य सरकारों की सहायता के लिए अंतरिक्ष तकनीक का प्रयोग करने के लिए इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय और भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस.ऐप्लीकेशन्स एंड जिओ.इंफॉरमेटिक्स, गांधीनगर के सहयोग से एक खनन निगरानी प्रणाली ;एमएसएस विकसित की है।
एमएमएस सैटेलाइट सूदूर संवेदन प्रौद्योगिकी के साथ सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करती है। यह एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली है जिसमें तीव्रता से जवाब देने और प्रभावकारी अनुवर्ती कार्रवाई करने की दक्षता है। एमएसएस के लिए प्रयोक्ता अनुकूल मोबाइल एप विकसित किया गया है जिसका प्रयोग राज्य सरकारों में जांच अधिकारियों के द्वारा उनकी भू.टैग की गई जांच रिपोर्टों की प्रस्तुति के लिए किया जाता है । इस मोबाइल एप के प्रयोग से नागरिक संदिग्ध खनन गतिविधि की भी सूचना दे सकते हैं। इस तरह यह एक भागीदारी एवं नागरिक केंद्रित मॉनिटरिंग प्रणाली है ।
गोयल ने बताया कि खनन निगरानी प्रणाली गत वर्ष 15 अक्टूबर को शुरू की गई है। इसमें देशभर से एमएसएस के तहत कुल 269 ट्रिगर सूचित किए गए और संबंधित राज्य सरकारों को फॉलो.अप के लिए इसकी सूचना दी गई। अभी तकए राज्य सरकार के अधिकारियों के द्वारा 190 ट्रिगर की फील्ड जांच पूरी की जा चुकी है जिसमें से 29 मामलों में ;15 अवैध खनन पाया गया है और उन पर कार्रवाई की जा रही है।