बस्ती, उत्तर प्रदेश में बस्ती जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र बंजरिया में कालानमक धान की 34 शृंखला के परिक्षण में सफलता मिली है। इससे यहां का काला नमक चावल पूरे भारत मे भेजा जाएगा। किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी और नई प्रजातियों मे कीटनाशक भी कम लगेगे।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र बंजरिया बस्ती मे नयी दिल्ली के आई.ए.आर.आई. के सहयोग से कालानमक धान की 34 शृंखला के परिक्षण एवं पूसा-1638 तथा एस एल-03 के बीजोत्पादन का अवलोकन किया और इसकी उपज पर अपनी मुहर लगा दी है।
सूत्रों के अनुसार जनपद में लगभग 500 हेक्टेयल क्षेत्रफल में कालानमक धान का उत्पादन किया जा रहा है जिसके और बढ़ने की सम्भावना है। इसके लिए कालानमक धान की उन्नतिशील एवं रोग अवरोधी प्रजातियों की उत्पादन तकनीक का जनपद में वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है तथा सिद्धार्थ फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी की स्थापना कराकर उत्पादन एवं मार्केटिंग का कार्य कराया जा रहा है।
मण्डलायुक्त गोविन्द राजू एन.एस. ने बताया है कि कालानमक धान बस्ती की पहचान बन गया है। इसे एक जनपद एक उत्पाद में शामिल किया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र बस्ती पर आई.ए.आर.आई. के सहयोग से विभिन्न प्रजातियों के परिक्षण किए जा रहे हैं और यह जैव विविधता का एक अच्छा मॉडल है। इसे देखकर किसान भाई अपनी मिट्टी के अनुसार उन्नतिशील प्रजाति का चयन कर सकते है। कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों की आय दोगुनी करने में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है।