नई दिल्ली, भारत में हर साल 5 करोड़ यूनिट रक्त की जरुरत पड़ती है जबकि अभी इसका आधा ही उपलब्ध है। रक्तदान को महादान कहा जाता है। देश में हर 2 सेकंड में एक और दिन भर में 38 हजार रक्तदान दाताओं कि आवश्यकता होती है दुर्भाग्य है कि देश के 81 जिलों में एक भी ब्लड बैंक नहीं है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार हर रोज 11 लाख यूनिट रक्त की कमी है। एक यूनिट में 350 से 450 मिलीलीटर तक रक्त होता है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा के अनुसार अगर हम इन आंकड़ों को टैंकर में परिवर्तित करें तो एक स्टैंडर्ड टैंकर ट्रक की क्षमता 11 हजार लीटर होती है। इस हिसाब से हमें 35 टैंकर खून की जरुरत है। भारत में कुल जरुरत का 9 प्रतिशत खून की कमी है, जो साल 2013-14 में 17 प्रतिशत की कमी थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा रक्त की उपलब्धता की कमी बिहार राज्य में 84 प्रतिशत है। इसके बाद छत्तीसगढ़ में 66 प्रतिशत और अरुणाचल प्रदेश में 64 प्रतिशत की कमी है। जबकि चंडीगढ़ में जरुरत से 9 गुणा ज्यादा खून उपलब्ध है। दिल्ली में तीन गुना ज्यादा, दादर और नगर हवेली, मिजोरम और पांडिचेरी में जरूरत से दोगुना ज्यादा रक्त उपलब्ध है।
आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 2,708 ब्लड बैंक हैं, लेकिन देश के 81 जिलों में एक भी ब्लड बैंक नहीं है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के 11 जिलों में ब्लड बैंक नहीं है। उसके बाद असम और अरुणाप्रदेश दोनों के 9 जिलों में ब्लड बैंक की कोई सुविधा नहीं है। भारत में खून कि कमी का एक सबसे बड़ा कारण यह है कि इसके लिए कोई केंद्रीकृत कलेक्शन एजेंसी नहीं है। यह मुख्य तौर से स्थानीय स्तर पर या फिर राज्य सरकार की ओर से किया जाता है। कुछ इलाकों में एक ही समय में ज्यादा रक्त इकट्ठा हो जाता है, जबकि उसे धीरे-धीरे इकट्ठा होना चाहिए।
एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी 2011 से दिसंबर 2015 के दौरान मुंबई के ब्लड बैंकों ने 1,30,000 लीटर खून बर्बाद किया। यह खून काफी दिन पुराना और बेकार हो गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के मुताबिक रक्त दान केवल स्वैच्छिक दान के माध्यम से कम जोखिम वाली आबादी से ही होना चाहिए। रक्त का निर्माण नही किया जा सकता इसे केवल रक्तदान दाता द्वारा उपलब्ध कराया जा सकता है। ओ नेगेटिव रक्त (रेड ब्लड सेल) सभी प्रकार के मरीजों को चढ़ाया जा सकता है। इसकी भारी मात्रा में मांग है। एबी नेगेटिव रक्त का प्लाज्मा सभी प्रकार के मरीजों को चढ़ाया जा सकता है। इसके दाता कि काफी कमी है।