चित्रकूट, उत्तर प्रदेश के पौराणिक तीर्थ स्थल चित्रकूट में आज गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व धूमधाम से मनाया गया । चित्रकूट के विभिन्न आश्रमों में शिष्यों ने अपने-अपने गुरु देव की पूजा अर्चना कर चरणमृत लिया और विशाल भंडारे का आयोजन हुआ।
पौराणिक तीर्थ स्थल चित्रकूट में आज जानकी कुंड बड़ी गुफा आचार्य मंदिर पंजाबी भगवान आश्रम सती अनुसूया आश्रम रामभद्राचार्य आश्रम कामदगिरि मुख्य द्वार निर्मोही अखाड़ा हनुमान धारा प्रमोद वन गुप्त गोदावरी आश्रम जैसे तमाम आश्रमों में आज भक्तों का जमावड़ा लगा रहा आज के दिन देश और विदेश से शिष्य अपने-अपने गुरुओं के दर्शन करने एवं पूजा करने के लिए यहां उपस्थित हुए।
पौराणिक काल के महान व्यक्तित्व, ब्रह्मसूत्र, महाभारत, श्रीमद्भागवत और अट्ठारह पुराण जैसे अद्भुत साहित्यों की रचना करने वाले महर्षि वेदव्यास जी का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को हुआ था और उनका जन्मोत्सव गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। वेदव्यास ऋषि पराशर के पुत्र थे।
गुरु पूर्णिमा उन सभी आध्यात्मिक गुरुजनों को समर्पित परम्परा है जिन्होंने कर्म योग आधारित व्यक्तित्व विकास और प्रबुद्ध करने, बहुत कम अथवा बिना किसी मौद्रिक खर्चे के अपनी बुद्धिमता को साझा करने के लिए तैयार हों। इसको भारत, नेपाल और भूटान में हिन्दू, जैन और बोद्ध धर्म के अनुयायी उत्सव के रूप में मनाते हैं।
भक्तों की अपार भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये हैं।