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नम आंखों से मां दुर्गा को दी विदाई

कोलकाता,  पश्चिम बंगाल में चार दिन तक धूमधाम से मनाया जा रहा त्योहार दुर्गा पूजा मंगलवार को देवी दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन के साथ खत्म हुआ। लोगों ने नदियों और तालाबों के किनारे देवी प्रतिमाओं को विसर्जित कर के देवी को विदा किया।

पारंपरिक पोशाकों में सजे भक्त देवी की प्रतिमा को प्रणाम करने के साथ ‘आश्चे बोशोर अबार होबे’ (अगले साल तक) का आह्वान कर रहे थे। महिलाएं देवी को भोग लगा कर प्रार्थना कर रही थीं और युवा ढाक की ताल पर झूमकर नृत्य कर रहे थे। लोग खुशी से गले लग कर एक दूसरे को दूर्गा पूजा की बधाईयां दे रहे थे।

दोपहर से ही ढोल-नगाड़ों के बीच कोलकाता की सड़कें सजी-धजी रंगीन झांकियों से भर गयी थीं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, पूजा आयोजकों को इस अवसर के लिए तैयार किये गये शहर के गंगा घाटों पर चढ़ते हुए देखा गया । कोलकाता के पुलिस सूत्रों के अनुसार विजयादशमी के सुरक्षित और शांतिपूर्वक आयोजन के लिए सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं।

स्थानीस पुलिस के अलावा राज्य का नागरिक सुरक्षा बल , नागरिक निकाय और कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के कर्मियों को भी स्थिति पर नज़र रखने के लिए तैनात किया गया है। सूत्रों के अनुसार गंगा के विभिन्न घाटों पर 1000 से अधिक दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन की संभावना है।