मुख्यमंत्री अखिलेष यादव ने राजेंद्र राणा को जमीन से जुड़ा हुआ नेता और पार्टी का सहयोगी बताया। अखिलेष यादव ने कहा कि वर्ष 2002 में नेताजी को मुख्यमंत्री बनवाने में राणा ने अहम भूमिका निभाई थी। जिस तरह से नेता जी के लिए राणा ने मेहनत की थी उनकी कद्र पार्टी और उनका परिवार करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष की गंभीर बीमारी के बीच भी राजेंद्र राणा ने यह अहसास नहीं होने दिया कि वह तकलीफ और परेशानी में हैं। न ही इस दौरान कभी उनका मनोबल गिरा। सहनशीलता के साथ राणा ने किसानों और गरीबों की लड़ाई लड़ी। अखिलेष यादव ने कहा कि राणा काबिलियत और कौशल के साथ अपना मंत्रालय चलाकर सरकार की मदद करते थे। वे गरीबों की मदद करने में हमेशा अग्रणी रहते थे। मुख्यमंत्री ने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि पूरी सरकार और पार्टी दुख की इस घड़ी में परिवार के साथ है।
उत्तर प्रदेश सरकार में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और देवबंद से विधायक राजेंद्र राणा का लंबी बीमारी के बाद सोमवार की आधी रात नोएडा स्थित उनके आवास पर निधन हो गया था। राजेंद्र राणा लगभग एक साल से कैंसर से पीडि़त थे। उनका कई महीने तक अमेरिका में भी उपचार चला। एक माह पहले वे नोएडा स्थित अपने आवास पर शिफ्ट हो गए थे। मंगलवार को देवबंद के पास स्थित उनके पैतृक गांव भायला में हजारों नम आंखों ने राणा को अंतिम विदाई दी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, काबीना मंत्री आजम खां, शिवपाल यादव, राजेंद्र चैधरी ने गांव पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया।