लखनऊ, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि नोट बंदी से गरीब जनता को काफी तकलीफ, रोजगार कम हुए , विकास की गति रुकी है। मुख्यमंत्री आज होटल ताज विवान्ता में आयोजित ‘अमर उजाला संवाद’ में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होने कहा कि नोट बंदी से गरीब जनता को काफी तकलीफ हो रही है। रोजगार कम हुए हैं। विकास की गति रुक गई है। समय बीतने के साथ तकलीफ बढ़ रही है। बड़े लोग तो कागजों पर लेन-देन कर लेते हैं, लेकिन गरीब आदमी अपने पैसे के लिए लाइन में खड़ा है। उन्होंने कहा कि पैसा काला या सफेद नहीं होता। लेन-देन काला-सफेद होता है। किसी लेन-देन में जरूरी टैक्स वसूलने के बाद भी न जमा करने पर आम जनता का क्या दोष है।
नोट बंदी से पहले जरूरी तैयारी नहीं किए जाने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जो जनता को दुःख देता है, जनता समय आने पर उससे हिसाब लेगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती का काम समय से जुड़ा हुआ है। समय से बीज, खाद तथा अन्य कृषि निवेश न उपलब्ध होने से बुआई नहीं हो पाती, जिससे किसान को बहुत नुकसान हो जाता है।
केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुये अखिलेश यादव ने कहा कि कृषि उपजों पर से इम्पोर्ट ड्यूटी खत्म करने से किसान प्रभावित होता है। चीनी पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम किए जाने से गन्ना किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ा था। ऐसे में प्रदेश सरकार ने बजट में व्यवस्था करके उनकी सहायता की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार के प्रयास से प्रदेश में रोजगार की स्थिति में सकारात्मक बदलाव आया है। लखनऊ में आई0टी0 सिटी, मेट्रो रेल, कैंसर इंस्टीट्यूट आदि की स्थापना तथा प्रदेश में हाईटेक सिटीज़ की स्थापना से रोजगार के अवसर बढ़े हैं। देश का सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर नोएडा में बन रहा है। फूड प्रोसेसिंग में काफी काम हुआ है, जिससे खेती व खेती से जुड़े व्यवसायों में रोजगार बढ़ा है।
उन्होने कहा कि समाजवादी सरकार ने प्रदेश में बुनियादी ढांचे व उद्योग के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। इससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं और रोजगार भी तेजी से बढ़ा है। सीएम यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार स्कूलों में अच्छी से अच्छी व्यवस्था मुहैया कराना चाहती है। इसके मद्देनजर स्कूल में विद्यार्थियों को फल और दूध दिया जा रहा है। छात्र-छात्राओं को बैग और मध्यान्ह भोजन के लिए बर्तन भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।