नई दिल्ली, नोटबंदी को लेकर आज विपक्ष ने जहां लोकसभा में सरकार को घेरने का प्रयास किया तो वहीं सत्ता पक्ष के सदस्यों ने केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनायीं और सर्जिकल स्ट्राइक पर विपक्ष द्वारा सबूत मांगे जाने को शर्मनाक करार दिया। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि नोटबंदी का फैसला सरकार ने केवल चुनिंदा लोगों को लीक किया और भाजपा ने इस फैसले की घोषणा से पूर्व करोड़ों अरबों रूपये की जमीन खरीदी।
उधर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि उरी आतंकी हमले के बाद सीमापार की गयी सर्जिकल स्ट्राइक पर विपक्ष ने सैनिकों की राष्ट्रभक्ति के सबूत मांगे। जो शर्म की बात है। मंत्री ने कहा कि विपक्ष से अपील है कि राष्ट्रहित के मुद्दों पर, सैनिकों के सम्मान और देश की सीमाओं की सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ भी कई कदम उठाये और कालेधन के खिलाफ एसआईटी के गठन का निर्णय लिया। नोटबंदी का कठोर निर्णय लिया। आठ नवंबर को लिया गया नोटबंदी का फैसला भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि 1976 में भी बड़े नोटों को बंद करने का सुझाव आया था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यह कहकर टाल दिया था कि चुनाव आने वाले हैं। हमारे प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि दो महीने बाद ही चुनाव हैं। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ और देश को आगे रखते हुए भ्रष्टाचारियों पर कुठाराघात और वज्राघात किया। यह फैसला भ्रष्टाचारियों, नक्सलवादियों, आतंकवादियों, नकली नोट छापने वालों के खिलाफ था। लेकिन विपक्ष ने इस फैसले का विरोध करके आजादी के बाद पहली बार भ्रष्टाचारियों का साथ दिया।
शर्मा ने कहा कि नोटबंदी के बाद जितना धन आया है, उसका इस्तेमाल देश के विकास में, गरीबों के कल्याण के लिए किया जाएगा। नोटबंदी पर विपक्ष के रुख पर निशाना साधते हुए शर्मा ने कहा, कुछ नेताओं को नोटबंदी से बहुत तकलीफ हुई। कालेधन के खिलाफ लड़ाई में अभी केवल जेब फटी है। अब कुर्ता भी फटने वाला है। उन्होंने कहा कि आज जब विश्व की अर्थव्यवस्था मंदी में है, भारत की अर्थव्यवस्था नित नये कीर्तिमान गढ़ रही है। पूरा विश्व हमें मार्गदर्शक के रूप में देख रहा है। शर्मा ने कहा कि राजग सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये के कोष से मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया जैसी योजनाएं शुरू कीं जिनका उद्देश्य युवाओं को रोजगार मांगने की लाइन में लगने के बजाय रोजगार देने में सक्षम बनाना है। देश के चार करोड़ युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण के साथ उद्यमी बनाना है। चार साल में एक करोड़ युवाओं को रोजगारदाता बनाने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि सरकार पर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगते हैं लेकिन ये योजनाएं दर्शाती हैं कि सरकार की योजनाएं केवल उद्योगपतियों, कारोबारियों तक सीमित नहीं है। नोटबंदी का फैसला भी गरीबों के लिए था। उन्होंने किसानों के लिए फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री सिंचाई योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हम केवल मौसम के भरोसे किसानों को नहीं छोड़ेंगे। किसानों का भरोसा सरकार में बढ़ा है। भाजपा के वीरेन्द्र सिंह ने प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुए केंद्र सरकार पर लग रहे सांप्रदायिकता फैलाने के आरोपों के संदर्भ में कहा कि भारत सनातन धर्म पर टिका है और उसने चारों दर्शन को अपने में समाहित किया है। उन्होंने इसी संदर्भ में सवाल भी किया, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में देशभर के छात्र पढ़ते हैं वहां उत्तर प्रदेश के भी छात्र हैं। मैं सवाल पूछना चाहता हूं कि क्या जेएनयू में भारत माता के खिलाफ नारे लगाने पर अधिक नंबर मिलते हैं क्या। वीरेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री के नोटबंदी के फैसले की सराहना करने के साथ ही बसपा का नाम लिए बिना कहा कि इससे कुछ राजनीतिक दलों द्वारा की जाने वाली टिकटों की नीलामी बंद हो गयी है।