नई दिल्ली, नोटबंदी के एक माह के बाद भी आमजन की समस्या खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। कई स्थ्ा्न्ों पर कतार में लगे लोगों के मरने के समाचार भी मिलें हैं।
बैंकों-डाकघरों में कैश की जबरदस्त किल्लत से अब हालात बेकाबू होने के कगार पर हैं। बैंकों और प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद हालात दुरुस्त नहीं हैं।
नोटबंदी के एक महीने के बाद भी बैंकों व एटीएम के बाहर लंबी लाइनें लग रही है। लोगों का पूरा दिन अपना पैसा निकालने के लिए कड़कड़ाती ठंड और कोहरे में भी कतार में निकला जा रहा है। शहर से गांवों तक बैंकों से एटीएम तक रोजाना कतार लगाते लोग थक गए हैं।
चाहे शहरी क्षेत्र रहा हो या ग्रामीण अंचल हाड़ कांपती ठंड में भी बैंकों डाकघरो में नकदी लेने के लिए कतारबद्ध आम लोग जूझते नजर आये। नोटबंदी के बाद बैंकों में पुराने नोटों को जमा करने की कतारें नहीं लग रही है। बल्कि रोजमर्रा के जरूरत के लिए रुपये निकालने के लिए लोग परेशान हाल है। माह भर बीतने के बाद बैंकों में नकदी संकट का रोना बना हुआ है। एसबीआई, यूनियन बैंक, पीएनबी, इलाहाबाद बैंक, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, यूको बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया आदि की शाखाओं के साथ प्रधान डाकघर व में ज्यादा भीड़ दिखी। इसमें भी वेतन का पैसा अभी तक न मिलने से लोग परेशान हाल दिखे।