नोटबंदी के 2 महीने पूरे होने पर जेटली बोले- आर्थिक गतिविधियां पटरी पर आ रही हैं

note2नई दिल्ली,  बैंकों में 500 और 1000 के पुराने नोटों के जमा होने से ऊंचे अनुपात के बाद नोटबंदी से कालाधन खत्म करने के उद्देश्य की प्राप्ति लेकर व्यक्त किए जा रहे संदेहों के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सिर्फ बैंकों में जमा होने से पैसे का रंग नहीं बदल गया है अब यह बात छुपी नहीं रही कि धन किसका है। उन्होंने कहा कि अब धन रखने वालों की पहचान की जा सकती है। अपनी फेसबुक पोस्ट, नोटबंदीः पिछले दो महीनों पर एक नजर में जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद हुई परेशानी और असुविधा समाप्त होने लगी है और आर्थिक गतिविधियां पटरी पर आ रही हैं। उन्होंने यह भी लिखा है कि बैंकों के पास बड़ी मात्रा में नकदी आने से ब्याज दरें नीचे आएंगी। वित्त मंत्री ने कहा, जब एक साथ 86 प्रतिशत मुद्रा को चलन से बाहर कर दिया जो कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 12.2 प्रतिशत है और उसे नई करेंसी से बदला जाए, तो उस फैसले के बड़े प्रभाव होना स्वाभिवक है। जेटली ने कहा कि बैंकों के आगे से अब कतारें समाप्त हो गई हैं और बैंकिंग प्रणाली में नकदी डालने का काम आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, दर्द और असुविधा का समय समाप्त हो रहा है। आर्थिक गतिविधियां रास्ते पर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के लिए साहस और क्षमता दोनों की जरूरत है। इस फैसले के क्रियान्वयन से परेशानी होगी। इससे लघु अवधि में आलोचना तथा असुविधा होगी। नोटबंदी की वजह से कारोबारी गतिविधियों में गिरावट का अर्थव्यवस्था पर क्षणिक असर होगा। उन्होंने कहा, बड़ी संख्या में बंद हुए नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह वैध धन हो गया। सिर्फ बैंकों में जमा होने से कालेधन का रंग नहीं बदलता। इसके उलट अब यह अपनी गोपनीयता गंवा चुका है। यह पहचान की सकती है कि बैंकों में जमा धन का मालिक कौन है।

 

Related Articles

Back to top button