लखनऊ, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार के अचानक 500 व 1000 रुपये के नोट बन्द करने से दिहाड़ी मजदूर, किसान और छोटे व्यापारी परेशान है।
सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने कहा कि गरीब लोगों के सामने रोजमर्रा की जरुरत की चीजों के लिए नकदी की भयंकर समस्या आ खड़ी हुई है। दिहाड़ी मजदूरों को काम मिलने में भी दिक्कत आ रही है, जिस वजह से इन लोगों के लिए भूखों मरने की नौबत आने लगी है। केन्द्र सरकार को इन लोगों की ओर भी गम्भीरता से सोचने की आवश्यकता है।
प्रचलित नोटों पर अचानक रोक लगाने के कारण किसान रबी की बुवाई के वक्त खाद, बीज, कीटनाशक जैसी अपरिहार्य वस्तुओं की खरीद नहीं कर पा रहा है। किसान घण्टों सहकारी समितियों एवं दुकानों के बाहर लाइन लगाकर खड़े रहने के बावजूद चार बोरी खाद व बीज खरीद नहीं पा रहा क्योंकि उसके पास नई मुद्रा उपलब्ध नहीं है। जनता तक नई नोट पहुंचाने में केन्द्र सरकार बुरी तरह असफल हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण बैकों व जिला सहकारी बैंको में अभी तक नई मुद्रा रिजर्व बैंक द्वारा नहीं भेजी गई है। इन कमियों एवं संकट के कारण केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक आफ इंडिया के गवर्नर रबी के फसलों की बुवाई पूर्ण होने तक किसानों को 500 और 1000 के पुराने नोटों के प्रयोग की छूट देने का कष्ट करें और सभी सहकारी बैंकां सहकारी समितियों एवं उन सभी संस्थाओं को पुराने नोटों को लेने का स्पष्ट निर्देश दें जहां से किसान बीज, खाद, कीटनाशक एवं कृषि यंत्रों की खरीद करता है। किसानों की परेशानी पर उन्होंने कहा कि रबी के फसलों के बुवाई के वक्त अचानक करेन्सी के स्वाभाविक चलन को बाधित कर एवं किसानों को छूट न देकर मोदी सरकार ने साबित कर दिया है कि उसका किसानों, गरीबों और कृषि के प्रति दृष्टिकोण नकारात्मक है। किसान भाजपा की वरीयता से बाहर है। इस निर्णय से बुवाई पिछड़ गई है जिससे कृषि उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।