नयी दिल्ली, केंद्र सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय में कहा कि तीन तलाक पूरी तरह असंवैधानिक है और न्यायालय यदि इसे अवैध करार देता है तो सरकार विवाह और तलाक के नियमन के लिये कानून बनाने को तैयार है।
मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष केंद्र की तरफ से पक्ष रखते हुये अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने तीन तलाक को पूरी तरह असंवैधानिक बताते हुये इसे मुस्लिम महिलाओं की बराबरी का हनन करने वाला बताया।
सुनवाई के दौरान पीठ के अटार्नी जनरल से यह पूछने पर कि तीन तलाक को खत्म करने पर क्या विकल्प है रोहतगी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय इसे अवैध और असंवैधानिक करार देता है तो केंद्र विवाह और तलाक के नियमन के लिये कानून बनाने को तैयार है। पीठ ने कहा कि हम इस देश में मौलिक अधिकार और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के संरक्षक हैं।
रोहतगी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को सामान अधिकार नहीं मिल रहे हैं जबकि हमारे देश के तुलना में अन्य देशों में मुस्लिम महिलाओं के पास काफी अधिकार हैं। तीन तलाक के कारण समाजए देश और दुनिया मेें मिल रहे अधिकारों से मुस्लिम महिलाओं को वंचित रखता है।