जालंधर, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी बहुमत हासिल कर सरकार बनाती है तो उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर दलित को बैठायेंगे । राज्य में नशे के कथित कारोबार पर रोक लगाने के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए केजरीवाल ने यह भी कहा कि पंजाब से बाहर चले गए उद्योग धंधों को राज्य में वापस लाने सहित उन्होंने उन सभी कार्यों का खाका तैयार कर लिया है जो पंजाब में किये जाने हैं.
जालंधर जिले के आदमपुर में शनिवार को एक रैली को संबोधित कर रहे आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली सीएम केजरीवाल ने कहा ‘‘प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अगर ‘आप’ की सरकार बनती है तो उपमुख्यमंत्री की जिस कुर्सी पर अभी सुखबीर सिंह बादल बैठे हैं, उस पर दलित समाज के व्यक्ति को बैठाया जाएगा.’’ केजरीवाल ने कहा, ‘‘दलित समुदाय के व्यक्ति को सत्ता में भागीदारी देने के डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपने को पूरा करने के लिए आम आदमी पार्टी यह ऐलान कर चुकी है कि अगर चुनाव के बाद उसकी सरकार बनती है तो दलित समाज के व्यक्ति को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा. इसलिए मैंने कहा है कि सुखबीर की कुर्सी दलित समुदाय के व्यक्ति को दी जाएगी.’’
इसके साथ ही केजरीवाल ने पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों में प्रवासी भारतीयों से आम आदमी पार्टी को ‘तन मन और धन’ से सहायता करने की अपील भी की. उन्होंने कहा ‘‘प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो उन प्रवासियों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी जो बाहर के मुल्कों में रह रहे हैं और यहां आकर बसना चाहते हैं.’’
राज्य में नशे के कथित कारोबार पर रोक लगाने के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए केजरीवाल ने कहा ‘‘आप’ की सरकार बनने के बाद एक महीने के अंदर ही नशे की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी. राजस्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया सहित इसके सभी कारोबारियों को जेल में बंद कर नशा आपूर्ति की प्रणाली को रोक दिया जाएगा. छह महीने में नशापीड़ित युवाओं का इलाज कर उन्हें मुख्य धारा में लाया जाएगा.’’ उन्होंने दोहराया कि दिल्ली की तर्ज पर यहां के भी सरकारी स्कूलों और अस्पतालों को बेहतर बनाया जाएगा और सारी व्यवस्था नि:शुल्क की जाएगी ताकि लोगों को शिक्षा का बेहतर स्तर और अच्छी चिकित्सा सुविधा मिल सके जिससे वह अभी वंचित हैं.
केजरीवाल ने आरोप लगाया ‘‘पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल में सांठगांठ है और यही कारण है कि दोनों मिलकर प्रदेश में चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों नेताओं में मिलीभगत है, क्योंकि दोनों में समझौता हो चुका है कि प्रदेश को पांच साल कैप्टन लूटेंगे और पांच साल बादल लूटेंगे. पिछले 15 साल से दोनों ने मिल कर सूबे को जमकर लूटा है.’’ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप दोहराते हुए कहा ‘‘कैप्टन के पास साल 2002 में कली कराने तक के पैसे नहीं थे. फिर वह मुख्यमंत्री बने और जुलाई 2005 में उनकी पत्नी परनीत कौर और बेटे रणिंदर के नाम स्विस बैंक में खाता खुला और पंजाब को लूटकर उसमें जमकर रुपया जमा किया गया.’’