नई दिल्ली, पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर हुए आतंकी हमले की साजिश रचने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बीते दिनों आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मूसद अजहर, उसके भाई और दो अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। अब इस चार्जशीट में नए खुलासे हुए हैं। एनआईए ने जैश ए मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर और अन्य तीन को आरोपी बनाया है और पंचकुला स्थित विशेष एनआईए की अदालत के समक्ष वैज्ञानिक, मौखिक और तकनीकी साक्ष्य पेश किये हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, चार्जशीट में बताया गया है कि पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आकाओं ने अप्रैल, 2014 में पठानकोट हमले का प्लान बनाया गया था। इसके लिए आतंकियों ने बकायदा गूगल मैप की मदद ली थी। हमलावरों को गूगल मैप के जरिए एयरबेस की जानकारी दी गई थी। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि पठानकोट आतंकी हमले का कोड वर्ड निकाह था और आतंकियों को बाराती कहकर बुलाया जा रहा था। हैंडलर कासिफ जान के फेसबुक चैट में जो खुलासे हुए उसके मुताबिक, हमले के दौरान भारतीय जवानों की मौत के बाद आतंकी एक-दूसरे को बधाई मैसेज भेज रहे थे।
चार्जशीट के मुताबिक, जिस पाकिस्तानी नंबर से आतंकी पाकिस्तान में बैठे अपने आका से निर्देश ले रहे थे, वह नंबर कासिफ जान के फेसुबक प्रोफाइल से जुड़ा हुआ पाया गया। गवाहों की सूची में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के पोलास गांव के निवासी अब्दुल रहमान मोगुल और पाकिस्तान के सियालकोट के घालोटिकलान के निवासी मोहम्मद सादिक उर्फ मुविया शामिल है। इन दो गवाहों ने आवाज की पहचान करने और जैश ए मोहम्मद के मारे गए आतंकवादियों के कुछ शवों की पहचान करने में मदद की जिन्होंने आईएएफ अड्डे पर हमला किया था जिसमें सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे एवं 37 अन्य घायल हो गए थे।
अजहर के अतिरिक्त, उसके भाई अब्दुल रउफ असगर और दो आतंकी आकाओं शाहिद लतीफ तथा काशिफ जान के नाम इस विस्तृत आरोपपत्र में लिए गए हैं। तीन के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है, लेकिन जान के खिलाफ यह लंबित है। अजहर के अतिरिक्त, उसके भाई अब्दुल रउफ असगर और दो आतंकी आकाओं शाहिद लतीफ तथा काशिफ जान के नाम इस विस्तृत आरोपपत्र में लिए गए हैं। तीन के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है, लेकिन जान के खिलाफ यह लंबित है।
अजहर को 1999 में इंडियन एअरलाइंस के अपहृत विमान आईसी 814 के बदले में रिहा कर दिया गया था। चार आतंकवादियों की घुसपैठ और गतिविधियों का ब्योरा देते हुए एनआईए ने अपने आरोपपत्र में कहा कि सभी चारों आतंकवादियों को व्यापक भड़काउ, शारीरिक, सैन्य और रणनीतिक प्रशिक्षण मिला था और उन्हें भारत में आतंकी हमलों के लिए कट्टरपंथी बनाया गया था। गोला बारूद और अन्य साजोसामान से लैस चारों आतंकवादियों ने भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए 30 दिसंबर को सिम्बाल सीमा चौकी के पास वनक्षेत्र से प्रवेश किया। जांच के दौरान सिम्बाल सीमा चौकी के पास स्थित वनक्षेत्र से पाकिस्तान में निर्मित खाने के सामान के खाली पैकेट और अन्य खाद्य वस्तुएं बरामद हुईं। जनवरी में पठानकोट में हुए इस भीषण आतंकी हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे और 37 अन्य घायल हुए थे।