नयी दिल्ली, नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) :एनयूजेआई: और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (डीजेए) ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में रिपब्लिक बांग्ला के रिपोर्टर संतु पान की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुये इसके विरोध में संघर्ष करने का एलान किया है।
पत्रकार संगठनों की तरफ से बुधवार को बंग भवन पर प्रदर्शन करने की घोषणा भी की गयी है। पत्रकार की गिरफ्तारी के विरोध में जंतर-मंतर से हैली रोड स्थित बंग भवन तक मार्च किया जायेगा।
एनयूजेआई और डीजेए की मंगलवार को 7, जंतर-मंतर कार्यालय पर आयोजित बैठक में कहा गया कि पश्चिम बंगाल में अघोषित आपातकाल लगाकर मीडिया का गला घोंटा जा रहा है। एनयूजेआई और डीजेए ने गिरफ्तार पत्रकार को तुरंत रिहा करने की मांग की है। पत्रकार संगठनों ने मांग की है कि पत्रकारों को राज्य में स्वतंत्र तरीके से काम करने दिया जाये।
एनयूजेआई के अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि एक तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपराधियों की खुली छूट दे रखी है और दूसरी तरफ गुंडाराज का खुलासा करने वाले पत्रकारों को जेल में बंद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मियों पर बंगाल
में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों द्वारा लगातार हमले किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एनयूजेआई का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पश्चिम बंगाल का दौरा कर पत्रकारों पर हो रहे हमले और उत्पीड़न की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपेगा।
एनयूजेआई के पूर्व अध्यक्ष और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य प्रजानंद चौधरी ने कहा कि इस प्रकार की घटना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि एनयूजेआई की पश्चिम बंगाल इकाई ने सुश्री बनर्जी को इस बाबत पत्र लिखकर दोषियों पर अविलंब कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना निश्चित तौर पर प्रेस की स्वतंत्रता पर करारा हमला है।
एनयूजेआई के महासचिव प्रदीप तिवारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पत्रकारों के सामने स्वतंत्र रूप से कार्य करना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इस बारे में संघर्ष की रूपरेखा बनायी जा रही है। इस मामले की प्रेस काउंसिल से भी शिकायत की जायेगी।
दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के संयोजक राकेश थपलियाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पत्रकारों को गिरफ्तार करने की पहले भी कयी घटनाएं हुयी हैं। इस कारण कई मीडिया संस्थान बंद हो गये।