पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के लिए दिये 450 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी
September 7, 2016
नई दिल्ली, पर्यटन मंत्रालय में स्वदेश दर्शन योजना के लिए केंद्रीय अनुमोदन और निगरानी समिति ने मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में विरासत सर्किट, उत्तर प्रदेश में रामायण सर्किट, सिक्किम में पूर्वोत्तर सर्किट और तमिलनाडु में तटीय सर्किट के विकास के लिए 450 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। मध्यप्रदेश के विरासत सर्किट में अनुमानित 100 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत से ग्वालियर-ओरछा-खजुराहो-चंदेरी-भीमबेटका-मांडू को कवर किया जायेगा। परियोजना स्थलों पर विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित किया जायेगा जिनमें खजुराहो में थीम पार्क और कन्वेंशन सेंटर विकसित करना तथा मांडू में साउंड एंड लाइट शो शामिल हैं। पर्यटक स्थलों पर रोशनी, पर्यटक सुविधा केंद्रों का निर्माण और पार्किंग क्षेत्र इस सर्किट के लिए अन्य प्रस्ताव हैं। उत्तराखंड में विरासत सर्किट में लगभग 83 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत से जागेश्वरी-देवीधुरा-कटारमल-बैजनाथ स्थलों पर पर्यटन बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है। उत्तराखंड की परियोजनाओं के मुख्य बिंदु पर्यावरण अनुकूल लट्ठों से झोपड़ी बनाना (इको लॉग हट), साउंड और लाइट शो और मंदिरों के मार्ग में सुधार करना है। तमिलनाडु के तटीय सर्किट में चेन्नई- ममल्लापुरम-रामेश्वरम-मनपद-कन्याकुमारी में विकास के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत के लिए मंजूरी दी गई है। साउंड और लाइट शो, समुद्र तट पर सुविधाओं का विकास, विवेकानंद स्मारक से तिरूवलुर प्रतिमा तक पैदल यात्रियों के लिए पुल का निर्माण इस परियोजना के प्रमुख आकर्षण हैं। उत्तर प्रदेश में रामायण सर्किट में दो स्थलों अर्थात् चित्रकूट और श्रृंगवेरपुर में विकास किया जायेगा। इस सर्किट पर परिक्रमा मार्ग का विकास, फूड प्लाजा, लेजर शो, चित्रकूट के मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के हिस्सों को जोड़ने के लिए फुटओवर ब्रिज, घाटों का विकास, पर्यटक सुविधा केंद्र और पार्किंग क्षेत्र के वास्ते लगभग 70 करोड़ की परियोजना लागत रखी गयी है। उत्तरप्रदेश के रामायण सर्किट में अयोध्या भी शामिल है जिसके लिए उत्तर प्रदेश का पर्यटन विभाग विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर रहा है। सिक्किम के पूर्वोत्तर सर्किट के लिए तकरीबन 95.50 करोड़ रुपये की परियोजना लागत से इको लॉग हट बनाना, सांस्कृतिक केंद्र, पैराग्लाइडिंग सेंटर, वास्तुशिल्प बाजार, पर्वतारोहण के लिए आधार शिविर और ध्यान कक्ष विकसित किये जाने की योजना है।