चेन्नई, मद्रास उच्च न्यायालय ने के पलानीस्वामी सरकार को बड़ी राहत देते हुए , तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश द्वारा 14 जून को दिया गया वह आदेश बरकरार रखा जिसमें अन्नाद्रमुक के 18 विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया था।
इस मामले में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एम. सुंदर ने 14 जून को जो फैसला सुनाया था उसमें दोनों की राय भिन्न थी। इसके बाद न्यायमूर्ति एम. सत्यनारायणन ने मामले की सुनवाई की।
जिन 18 विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया था वे अन्नाद्रमुक के दरकिनार किए गए नेता टीटीवी दिनाकरन के खेमे के थे। अब दिनाकरन अपनी अलग पार्टी एएमएमके बना चुके हैं। न्यायमूर्ति सत्यनारायण ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल के फैसले में कोई खामी नहीं थी। इसी फैसले को न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने बरकरार रखा था।
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने विधायकों की अयोग्यता का फैसला बरकरार रखा था, जबकि न्यायमूर्ति सुंदर ने इसे रद्द करने का फैसला सुनाया था। बीते साल 18 सितम्बर को अन्नाद्रमुक के 18 विधायकों को दलबदल निरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इन विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात कर कहा था कि मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी में उनका विश्वास नहीं है।