मुंबइ, कनाडा की एक सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सुरक्षा अधिकारी सत्येंद्र गायटोंडे पिछले कुछ महीनों से यहां मुंबई पुलिस के कर्मियों को एक विशेष तरह का प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होने यह काम अपने देश की सेवा करने के लिए अपने हाथ में लिया है जो उनके दिवंगत पिता की इच्छा थी।
मुंबई में जन्मे गायटोंडे ने फिलहाल कनाडा में राष्ट्रीय स्तर की सुरक्षा एजेंसी के साथ जुड़े हुए हैं। वह जन, सामाजिक और संचार कौशल में विशेषज्ञता रखते हैं और परामर्श देते हैं। इसके अलावा वह विदेश में पुलिसकर्मियों के लिए व्यक्तित्व विकास संगोष्ठियां भी आयोजित करते हैं। पिछले साल संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) मिलिंद भाराम्बे ने उन्हें यातायात पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए नियुक्त किया।
अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने से कहा, मेरे पिता मुझे हमेशा देश के लिए कुछ करने के लिए प्रोत्साहित करते थे। मैं हमेशा (फैसले लेने में) देरी करता था। उन्होंने आाखिरकार मुझे यहां आने के लिए मनाया, लेकिन जिस दिन में यहां आया(एक नवंबर 2016) को उसी दिन उनका निधन हो गया। इसने मेरे देश के लिए काम करने के मेरे निश्चिय को मजबूत किया। गायटोंडे ने वर्ष 2012 तक करीब एक दशक तक टोरंटो पुलिस में सेवा दी है। भारत आने के बाद उन्होंने मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे और नासिक में विभिन्न जन, सामाजिक और संचार कौशल गोष्ठियां आयोजित की हैं।
गायटोंडे ने कहा कि भारत में प्रशिक्षकों की कोई कमी नही है लेकिन जन, सामाजिक और संचार कौशल दे सकने वालों की कमी है। यह एक ऐसी चीज है जिसकी भारतीय पुलिस में है। इसलिए उन्होंने उनकी विशेषज्ञता का इस्तेमाल करने का फैसला किया और उन्होंने विभिन्न मंचों पर व्याख्यान देना शुरू कर दिए। गायटोंड ने कहा, यह पहली बार है कि भारतीय पुलिस को जन, सामाजिक और संचार कौशल में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मैंने उन्हें क्रोध प्रबंधन, तनाव प्रबंधन और व्यवहार संबंधी मुद्दों जैसे विषयों पर व्यक्तित्व विकास पर उचित मार्गदर्शन दिया। वह इस हफ्ते कनाडा लौट जाएंगे।