आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने एक स्वतंत्र, मुक्त एवं समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र की परिकल्पना को आकार देने में भी पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के योगदान को याद किया।
दोनों नेताओं ने एक संक्षिप्त द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के बारे में विचार विमर्श किया। उन्होंने भारत जापान विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझीदारी को और मजबूत बनाने तथा विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समूहों एवं संस्थानों में एकजुट होकर कार्य करने के संकल्प को दोहराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा, “ये दुःख की घड़ी में आज हम मिल रहे हैं। आज जापान आने के बाद, मैं अपने-आप को ज्यादा शोकातुर अनुभव कर रहा हूँ। क्योंकि पिछली बार जब मैं आया तो आबे सान से बहुत लम्बी बातें हुई थी। और कभी सोचा ही नहीं था कि जाने के बाद ऐसी खबर सुनने की नौबत आएगी।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, “ पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे और उनके साथ आपने विदेश मंत्री के रूप में भी भारत और जापान के संबंधों को नयी उंचाई पर भी ले गए और बहुत क्षेत्रों में उसका विस्तार भी किया। और हमारी दोस्ती ने एक वैश्विक प्रभाव पैदा करने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई, भारत और जापान की दोस्ती ने। और इस सब के लिए आज भारत की जनता आबे सान को बहुत याद करती है, जापान को बहुत याद करती है। भारत एक प्रकार से हमेशा उनकी कमी महसूस कर रहा है।”
प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि श्री किशिदा के नेतृत्व में भारत-जापान सम्बन्ध और अधिक गहरे होंगे, और अधिक ऊंचाइयों को पार करेंगे। और हम विश्व में समस्याओं के समाधान में एक उचित भूमिका निभाने के लिए समर्थ बनेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत के मित्र श्री आबे के अंतिम संस्कार में सम्मिलित होने के लिए आज सुबह यहां पहुंचे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में सौ से अधिक देशों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि शामिल होंगे जिनमें 20 से ज्यादा शासनाध्यक्ष अथवा राष्ट्राध्यक्ष होंगे।