नई दिल्ली ,बीजेपी और एनडीए के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदीने अपने संबोधन में अपने बड़बोले नेताओं को स्पष्ट शब्दों में हिदायत देते हुए उन्हें ‘छपास और दिखास’ से बचने को कहा। इसके अलावा उन्होंने मंत्री बनने की चाहत रखने वाले नेताओं को भी नसीहत दी कि मीडिया में चल रही अटकलबाजियों पर मत जाएं। मोदी ने कहा कि मंत्री पद का दायित्व कम ही लोगों को दिया जा सकता है। उन्होंने नेताओं को अहंकार से बचने की भी सीख दी।
प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से पहले नरेंद्र मोदी ने मोटरमाउथ नेताओं को सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा, ‘कभी-कभार अगर पिछले 5 साल का कार्यकाल देखें, इसके लिए हमें किसी और को दोष देने की जरूरत नहीं है। लेकिन एक छोटी सी जल्दबाजी इतनी बड़ी तपस्या को, इतने बड़े पुरुषार्थ को डीरेल करने के लिए ताकत रखता है। पिछला जो कार्यकाल रहा, हम चर्चा में इसलिए नहीं रहे कि कुछ गलत किया, न ही कोई ऐसा सरकार के प्रति, मिनिस्टर के प्रति तूफान खड़ा हुआ…लेकिन मसाला दिया किसी ने तो हमने दिया। जो बड़बोलापन है। और वो टीवी के वो डंडे में पता नहीं क्या ताकत होती है कि खोल देता है मुंह तुरंत, कुछ भी बोल देता है…और बोल देते हैं तो 24-48 घंटे तक उनकी दुकानदारी चलती है और हमारी परेशानी बढ़ती है।’
नरेंद्र मोदी ने सख्त शब्दों में यह भी स्पष्ट किया कि मंत्रिमंडल में कौन होगा, कौन नहीं, यह वह तय करेंगे और इसे लेकर कोई मीडिया की अटकलबाजियों पर न जाए। उन्होंने कहा, ‘इस देश में बहुत ऐसे नरेंद्र मोदी पैदा हो गए हैं, जिन्होंने मंत्रिमंडल बना दिया है। अगर सबका टोटल लगाएंगे तो शायद कुछ 5-50 सांसद ही बचेंगे जो मंत्री के लिस्ट में नहीं आएंगे। और ये सबसे बड़ा संकट होता है जी। हमको भी लगता है कि उस अखबार में आया है, जरूर मेरा नंबर लगेगा।’
मोदी ने आगे कहा, ‘कुछ लोगों को तो मैंने देखा है कि जब तक सुबह उठकरके राष्ट्र के नाम संदेश नहीं देते, उनको चैन नहीं आता है। अच्छा मीडिया के लोगों को भी पता होता है कि 6 नमूने हैं, वहां सुबह पहुंच जाओ, गेट के सामने खड़े हो जाओ, निकलेगा तो कुछ तो बोलेगा। उससे नुकसान होता है हमें। सदन चलने के बाद कुछ कहूंगा तो कुछ लोगों को लगेगा कि शायद यह मेरे लिए कहा है। लेकिन मैं बिल्कुल न्यूट्रल अवस्था में कहता हूं कि हम सब इन चीजों से बचें।’