लखनऊ, उत्तर प्रदेश में सरकार बदली है, सपा सरकार हटी है, बीजेपी की सरकार आयी है. वैसे तो सभी राज्य कर्मचारियों के लिये यह हर बार चुनाव के बाद होने वाली, एक प्रक्रिया है। लेकिन, इसका सबसे बड़ा असर यादव जाति के कर्मचारियों और अधिकारियों पर पड़ रहा है.
यूपी मे, सत्ता परिवर्तन के साथ ही यादव कर्मचारी और अधिकारी एक अग्यात भय से आशंकित हैं. उनका यह भय अकारण नही है.उसे सपा सरकार मे कोई लाभ मिला हो या नही लेकिन अगर उसके सरनेम के साथ यादव जुड़ा है तो वह समाजवादी पार्टी का खास आदमी मान लिया गया है और अब वह सबके निशाने पर है. बीजेपी सरकार आते ही सरकारी कार्यालयों मे सबसे ज्यादा छींटाकसी का शिकार यादव कर्मचारी और अधिकारी हो रहें हैं. जो संगी साथी कल तक यादव जी के साथ रहने मे गर्व का अनुभव करते थे. वही अब कन्नी काट कर निकल जातें हैं, बात करने से बच रहें हैं. और मौका पड़ने पर तंज कसने से भी नही चूक रहें हैं जैसे अखिलेश सरकार के हर अच्छे बुरे फैसले के लिये वह ही जिम्मेदार है, उस अदने से कर्मचारी के इशारे पर ही, पूरी सरकार चल रही थी.
इसका सबसे ज्यादा असर पुलिस विभाग मे दिखायी पड़ रहा है. आलम यह है कि यादवों ने छींटाकसी और नुकसान से बचने के लिये, अपनी नेम प्लेट तक बदल ली है, नेमप्लेट से यादव सरनेम अब गायब हो चला है. उसकी जगह अब सिंह और कुमार ने ले लिया है।पुलिस विभाग में यादवों की संख्या कॉन्सटेबल से लेकर अधिकारी तक के पदों पर अधिक रही है.
और यह आलम तब है जबकि अभी किसी विभाग मे ट्रांसफर लिस्ट जारी नही हुई है. लेकिन यह आम चर्चा है कि सभी यादव कर्मचारी और अधिकारी अपने -अपने विभाग की पनिशमेंट पोस्टिंग पर भेजे जायेंगे. वैसे चुनाव आयोग पहले ही ये शुरूआत कर चुका है,चुनाव आयोग के निर्देश पर पहली ही सूची मे सबसे ज्यादा यादव अफसर ही डीएम और एसपी की पोस्ट से हटाये गये थे. सपा सरकार मे जो भी यादव किसी अच्छी जगह पर यदि तैनात है तो वह यह मान ले कि अब वह वहां नही रह पायेगा और सबसे खराब पोस्ट पर फेंका जायेगा. वहीं किसी और बिरादरी के अधिकारी या कर्मचारी पर यह नियम लागू नही होता है. चाहे उसने सपा सरकार मे ही क्रीम पोस्टिंग क्यों न पायी हो. ट्रांसफर- पोस्टिंग का यह कोड़ा, यादव आईएस- आईपीएस से शुरू होकर, नीचे यादव बाबू और सिपाही तक चलेगा. वैसे चुनाव आयोग पहले ही ये शुरूआत कर चुका है,चुनाव आयोग के निर्देश पर पहली ही सूची मे सबसे ज्यादा यादव अफसर ही डीएम और एसपी की पोस्ट से हटाये गये थे. घोड़ा दूर न मैदान आईएस- आईपीएस की पहली ट्रांसफर लिस्ट जारी हो रही है, खबर की हकीकत आपके सामने होगी.