मेलबोर्न, पूर्व टेस्ट बल्लेबाज एड कोवान ने क्रिकेट आस्ट्रेलिया पर आरोप लगाया है कि वह युवा खिलाड़ियों को टीम से बाहर करने के बाद उनपर कोई ध्यान नहीं देता है जिससे ऐसी प्रतिभाएं बर्बाद हो रही हैं। कोवान का यह बयान उस मामले के संज्ञान में आया है जिसमें युवा बल्लेबाज निक मैडिनसन को पाकिस्तान के खिलाफ बाकिंसग डे टेस्ट के बाद राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया था।
इसके बाद मैडिनसन ने निजी कारणों का हवाला देते हुए घरेलू क्रिकेट से बाहर रहने की घोषणा की और सीए को पत्र लिखकर चयन के लिए उपलब्ध नहीं रहने की बात भी कही थी। निक ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स को इस बात की सुचना दी हैं, कि वो इस साल कुछ ही समय बाद शुरू होने वाले हैरिस शैफील्ड सीरीज में भाग नहीं लेंगे और ना ही चयन के लिय उपलब्ध रहेंगे। कोवान ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीए को इन युवा खिलाड़ियों की तरफ अधिक ध्यान देना चाहिए।
अगर इन खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम के लिए तैयार करना है कि इन पर अतिरिक्त ध्यान देने की जरुरत है। ऐसा लगता है कि किसी खिलाड़ी को एक स्टेशन पर अकेला छोड़ दिया गया है। मुझे नहीं लगता है कि आस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम ऐसे किसी भी काम को सही तरीके से करती है। आस्ट्रेलिया के लिए 18 टेस्ट मैच खेलने वाले कोवान ने 2013 में इंगलैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच खेलने के बाद टीम से बाहर किये जाने के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि सबसे पहले तो मेरे लिए यह बहुत निराशा वाली बात थी। लेेकिन फिर भी मुझे लगा कि इससे कुछ खिलाड़ियों को राहत मिलेगी होगी ताकि वे टीम में अपनी जगह बना सकें। लेकिन फिर ऐसा होने में बहुत समय लग गया। इससे खिलाड़ियों में असंतोष बढ़ता है और उनके खेल पर असर पड़ता है।