जौनपुर, उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले की एक अदालत ने मंगलवार को नमामि गंगे योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके एक सहयोगी को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया। दोनो को बुधवार छह मार्च को सजा सुनायी जायेगी।
जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी लाल बहादुर पाल ने बताया कि जौनपुर नगर में नमामि गंगे योजना में काम कर रहे प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को जिले के लाइन बाजार थाने में धारा 364, 386, 504 और 120 भारतीय दंड विधान के तहत पूर्व सांसद धनंजय सिंह व उनके साथी संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में पुलिस द्वारा आरोप पत्र न्यायालय भेजने के बाद मुकदमा एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा था, इस मुकदमें गवाह पक्ष द्रोही हो चुके थे। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमएलए- एमपी कोर्ट चतुर्थ शरद कुमार त्रिपाठी की अदालत में आज मुकदमे में फैसले के लिए तारीख थी, अदालत ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम सिंह को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया और अपने आदेश के तहत दोनो अभियुक्तों पूर्व सांसद धनंजय सिंह और संतोष विक्रम सिंह को अपराध कारित करने के लिए दोषी करार करते हुए छह मार्च को सजा सुनाने के लिये तिथि नियत की है।
पूर्व सांसद धनंजय सिंह को हिरासत में लेकर जेल भेजने की सूचना मिलते ही उनके समर्थको में मायूसी छा गयी कि यदि दो साल से अधिक की सजा हो जाएगी तो जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव कैसे लड़ेंगे।