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पूर्व सीएम हुड्डा और वोरा को मिली बड़ी राहत, सीबीआई कोर्ट ने दी जमानत

पंचकूला, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने 2005 में पंचकूला में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को गैरकानूनी तरीके से भूखंड का पुन:आवंटन करने के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा को बृहस्पतिवार को जमानत दे दी।  हुड्डा और वोरा के वकील अभिषेक राणा ने बताया कि दोनों को सीबीआई के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने पांच-पांच लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी।

उन्होंने बताया कि कांग्रेस के दोनों नेताओं को आरोप-पत्र की प्रतियां सौंपी गई जो सीबीआई ने उनके खिलाफ दाखिल की थी। मामले में अगली सुनवाई छह फरवरी को तय की गई है। पिछले साल एक दिसंबर को सीबीआई ने जमीन के कथित अवैध पुन: आवंटन के लिए पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में हुड्डा, वोरा और नेशनल हेराल्ड समाचारपत्र के प्रकाशक एजेएल के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था। सीबीआई अदालत में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी एवं 420 और भ्रष्टाचार निवारण कानून की धारा 13 (1) एवं 13 (2) के तहत आरोप-पत्र दायर किया गया था।

आरोपों के मुताबिक पंचकूला में एक औद्योगिक भूखंड को एजेएल को अवैध रूप से पुन: आवंटित किया गया था और खबरों की माने तो एजेएल पर गांधी परिवार समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का यंग इंडिया लिमिटेड के जरिए नियंत्रण है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एजेएल की स्थापना की थी जो नेशनल हेराल्ड समाचारपत्र प्रकाशित करता है।

ऐसे आरोप हैं कि तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं हरियाणा शहरी विकास अधिकरण (एचयूडीए) के चेयरमैन हुड्डा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 2005 में मूल दरों एवं ब्याज पर भूखंड का पुन: आवंटन एजेएल को कर दिया था। साथ ही उनपर आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों की कानूनी राय तथा उक्त भूखंड का विज्ञापन फिर से जारी करने के कानूनी सलाहकार की सलाह के खिलाफ जाते हुए यह फैसला किया था।

आरोप है कि भूखंड के आवंटन से राजकोष को घाटा हुआ और कंपनी को गलत तरीके से लाभ पहुंचा। हरियाणा सतर्कता ब्यूरो ने भूखंड के आवंटन में कथित गड़बड़ियों के लिए हुड्डा और एजेएल के खिलाफ धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार एवं आपराधिक षडयंत्र का मामला दर्ज किया था। इस मामले को पिछले साल सीबीआई ने अपने हाथों में ले लिया था। प्राथमिकी में हुड्डा के अलावा एचयूडीए के पूर्व मुख्य प्रशासक एवं एजेएल समेत अन्य के भी नाम हैं।

यह मामला हरियाणा सरकार की शिकायत पर दर्ज कराया गया था जिसमें आरोप लगाया गया कि एजेएल को 1982 में पंचकूला में यह भूखंड आवंटित किया गया जिस पर 1992 तक कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद हरियाणा पुलिस की जांच में निष्कर्ष निकाला गया कि यह आवंटन ‘मनमाने तरीके’ से किया गया और यह एचयूडीए कानून का पूरी तरह से उल्लंघन है।