नई दिल्ली, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुडे खाताधारकों और पेंशनरों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य बना दिया गया है। ईपीएफओ ने खाता धारकों और पेंशनरों को 31 मार्च तक अपना आधार नंबर या उसके लिए आवेदन का सबूत जमा करने का निर्देश दिया है। इस समय ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) से चार करोड़ खाताधारक और 50,000 पेंशनर जुड़े हैं। सरकार ने यह फैसला आधार एक्ट-2016 की धारा-7 के तहत किया है जिसमें सरकारी सब्सिडियों और अन्य लाभों के लिए आधार नंबर को अनिवार्य बनाने का प्रावधान है।
नए नोटिफिकेशन के तहत अगर कोई खाता धारक अपना आधार नंबर नहीं दे पाता है तो उसके खाते में सरकार से मिलने वाली सहायता बंद हो जाएगी। हर महीने केंद्र सरकार सभी सदस्यों के पेंशन खाते में 1.16 फीसद अंशदान देती है जबकि 8.33 फीसद अंशदान सदस्यों को करना होता है। इस पर सालाना 850 करोड रुपये का खर्च आता है। ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त वीपी जॉय ने कहा कि फिलहाल पेंशनभोगियों के साथ-साथ अंशधारकों को आधार या पंजीकरण प्रति 31 मार्च, 2017 तक उपलब्ध कराना होगा। यह ईपीएफओ द्वारा उपलब्ध सेवाएं हासिल करने के लिए जरूरी है। जॉय ने कहा, हम माह के अंत में स्थिति की समीक्षा करेंगे और अंशधारकों तथा पेंशनभोगियों को 12 अंकों वाला आधार संख्या देने के लिए कुछ और समय दे सकते हैं। ईपीएफओ ने अपने 120 क्षेत्रीय कार्यालयों से इस बारे में नियोक्ताओं के जरिए अंशधारकों और पेंशनभोगियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा है।