नासिक, वैसे तो अब तक आप सस्ते प्याज के मजे लेते आ रहे होंगे लेकिन अब जल्द ही यह आपकी आंखों में आंसू ले आएगा। खबरों की माने तो आने वाले एक से दो महीनों में प्याज की कीमतें बढ़ सकती हैं और इसका असर एक बार फिर आपके किचन पर पड़ने वाला है। इस बार घटते रकबे और मानसून ने इसकी कीमतों में आग लगाने की तैयार की है। 20 अक्टूबर तक पिछले साल की 40 हजार हैक्टेयर के मुकाबले इस साल 29715 हैक्टेयर खरीफ की खेती का रकबा है। लगातार बारिश ने गर्मी में स्टोर की गई प्याज की फसल को खराब कर दिया है और खरीफ की बुवाई में भी देरी हो गई है। इसके चलते फसल वक्त पर नहीं कट पाएगी और नासिक के बाजारों में आमतौर पर उपलब्ध होने वाली मात्रा से कम ही रहेगी।
नासिक जिला राज्य में 80 प्रतिशत प्याज की मांग को पूरी करता है और नवंबर में किसी भी तरह कि कमी इसके होलसेल और रिटेल कीमतों पर बड़ा प्रभाव डालेगी और यह असर पूरे देश में नजर आ सकता है। जहां अगस्त 2015 में इसकी होलसेल कीमतें सर्वाधिक 5700 रुपए क्वींटल तक पहुंच गई थीं वहीं पिछले महीने राज्य के लसलगांव में किसान इसे 1 रुपए कीलो की कीमत पर बेचते नजर आए थे। पिछले कुछ हफ्तों से किसान अपने पास बचे हुए गर्मी के स्टॉक को लेकर बाजार में आ रहे हैं। लासलगांव में होलसेल कीमतें 650-550 रुपए प्रति क्वींटल तक रहे हैं। जैसे ही किसानों के पास स्टॉक खत्म होगा वैसे ही बाजार में प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ेंगी। त्यौहारी सीजन में प्याज की कीमत को लेकर बन रही स्थिति सरकार के लिए मुसीबत साबित हो सकती है।