अब माना कि आप किसी से प्यार करती हैं और उसकी खुशियों के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं। मगर वो कहते हैं ना, हर हद की एक सीमा होती है और उस सीमा के भीतर ही सब कुछ अच्छा लगता है। समझौता किस रिश्ते में नहीं होता, एक साथ संतुलित जीवन बिताने के लिए ये समझदारी भरा फैसला भी है और इसे ही आपसी समझ कहते हैं। मगर कहीं आपका रिश्ता एकतरफा तो नहीं?
खास तौर से लड़कियों को ऐसा करते देखा जाता है। अपने पार्टनर की खुशियों के लिए अपनी खुशियों का गला घोंट देती हैं और जाने-अनजाने अपने सारे अधिकार भी उसे सौंप देती हैं जो किसी भी तरीके से सही नहीं है। अब माना कि आप किसी से प्यार करती हैं और उसकी खुशियों के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं। मगर वो कहते हैं ना, हर हद की एक सीमा होती है और उस सीमा के भीतर ही सब कुछ अच्छा लगता है। इसलिए भले ही आप किसी से बेइंतहा प्यार करती हों, मगर अपनी इन चीजों से कभी भी मुंह ना मोड़ें-
किसी के लिए अपनी भूख को मारना सही नहीं है। आपको जब भूख लगे आप बिना किसी संकोच के खाना खा सकती हैं। अगर आपका पार्टनर आपसे यह उम्मीद करता है कि वह चाहे जितनी भी देर से आए, आप खाने पर उसका इन्तजार करें तो ऐसा करना सही नहीं है।
आपको कैसे कपड़े पहनने चाहिए और कैसे नहीं यह आपका फैसला होना चाहिए। आप कोई छोटी बच्ची तो हैं नहीं जो कोई आपको कपड़े पहनने का तरीका बताए। आप इतनी समझदार हैं कि अपने कपड़ों का फैसला खुद कर सकें।
अगर आपके पार्टनर को आपके कुछ दोस्तों और कुछ रिश्तेदारों से परेशानी है तो इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि आप भी उन्हें पसंद करना छोड़ दें।
आप दोनों को बच्चे चाहिए या नहीं यह आप दोनों का सामूहिक फैसला होना चाहिए। इस संबंध में कोई भी आप पर दबाव नहीं बना सकता और न ही आपको दबाव में आने की जरूरत है।
अब सबसे अहम बात, अगर आप अपने करियर से खुश हैं तो किसी भी कीमत पर नौकरी छोड़ने की गलती न करें। अगर वह आप पर दबाव बनाए तो उसे इसके फायदे गिनाएं।