प्रतिबंधित वस्तुओं का निर्यात लाइसेंस लेना हुआ आसान
March 25, 2019
नयी दिल्ली, वाणिज्य मंत्रालय ने प्रतिबंधित श्रेणी की वस्तुओं के लिए निर्यात लाइसेंस हासिल करने के वास्ते आनलाइन सुविधा शुरू की है। इस कदम का मकसद कागजरहित कामकाज को बढ़ावा देने और कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करना है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक नोटिस में कहा, ‘‘निर्यातकों को निर्यात की अनुमति के लिए ई-कॉम मॉड्यूल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। प्रशासनिक विभागों के साथ विचार विमर्श की प्रक्रिया भी आनलाइन होगी।’’
यह नोटिस इस साल 19 मार्च से प्रभाव में आया है। निर्यातकों को जैव ईंधन सहित कुछ प्रतिबंधात्मक श्रेणी के सामान के लिए सरकार से लाइसेंस हासिल करना होगा। अभी तक इस तरह की वस्तुओं के निर्यात के लिए आवेदन कागजी रूप में करना होता है और साथ ही संबंधित एजेंसियों से परामर्श की प्रक्रिया भी ‘लिखित में पूरी’ की जाती है। सरकार ने कहा है कि इस कदम का उद्देश्य आवेदन देने की प्रक्रिया को सरल करना है। इससे आवेदन की जांच तथा अनुमति भी तेजी से दी जा सकेगी।
एक अधिकारी ने कहा कि इस कदम से इस तरह के आयात के लिए कारोबार सुगमता और बेहतर हो सकेगी। आनलाइन आवेदन में निर्यातकों को कुछ दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसमें निर्यात करने वाली कंपनी से खरीद आर्डर की प्रति और आयात निर्यात फॉर्म शामिल है। एक अधिकारी ने कहा कि अब डीजीएफटी के पास कागजी दस्तावेज नहीं जमा कराने होंगे। हालांकि, बदलाव को सुगमता से लागू करने के लिए 31 मार्च तक आवेदन आफलाइन स्वीकार किए जाएंगे। एक अप्रैल से आनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा।
नयी दिल्ली, वाणिज्य मंत्रालय ने प्रतिबंधित श्रेणी की वस्तुओं के लिए निर्यात लाइसेंस हासिल करने के वास्ते आनलाइन सुविधा शुरू की है। इस कदम का मकसद कागजरहित कामकाज को बढ़ावा देने और कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करना है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक नोटिस में कहा, ‘‘निर्यातकों को निर्यात की अनुमति के लिए ई-कॉम मॉड्यूल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। प्रशासनिक विभागों के साथ विचार विमर्श की प्रक्रिया भी आनलाइन होगी।’’
यह नोटिस इस साल 19 मार्च से प्रभाव में आया है। निर्यातकों को जैव ईंधन सहित कुछ प्रतिबंधात्मक श्रेणी के सामान के लिए सरकार से लाइसेंस हासिल करना होगा। अभी तक इस तरह की वस्तुओं के निर्यात के लिए आवेदन कागजी रूप में करना होता है और साथ ही संबंधित एजेंसियों से परामर्श की प्रक्रिया भी ‘लिखित में पूरी’ की जाती है। सरकार ने कहा है कि इस कदम का उद्देश्य आवेदन देने की प्रक्रिया को सरल करना है। इससे आवेदन की जांच तथा अनुमति भी तेजी से दी जा सकेगी।
एक अधिकारी ने कहा कि इस कदम से इस तरह के आयात के लिए कारोबार सुगमता और बेहतर हो सकेगी। आनलाइन आवेदन में निर्यातकों को कुछ दस्तावेज अपलोड करने होंगे। इसमें निर्यात करने वाली कंपनी से खरीद आर्डर की प्रति और आयात निर्यात फॉर्म शामिल है। एक अधिकारी ने कहा कि अब डीजीएफटी के पास कागजी दस्तावेज नहीं जमा कराने होंगे। हालांकि, बदलाव को सुगमता से लागू करने के लिए 31 मार्च तक आवेदन आफलाइन स्वीकार किए जाएंगे। एक अप्रैल से आनलाइन आवेदन करना अनिवार्य होगा।