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प्रदर्शनी“ पहल” में बिखरे बुंदेली चित्रकला के विविध रूप

झांसी, उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित राजकीय संग्रहालय में मंगलवार से शुरू हुई तीन दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी “ पहल” में बुंदेली परंपरा और संस्कृति के विविध रूप नजर आये।

बुंदेली कला एवं सांस्कृतिक समिति द्वारा आयोजित “ पहल ” कला प्रदर्शनी के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए डॉ़ सीमा पांडेय ने कहा कि लोक कलाएँ भारतीय समाज की अनुपम विरासत हैं। किसी भी क्षेत्र में वहां की सभ्यता एवं सांस्कृतिक विरासत उस क्षेत्र की गरिमा को बढ़ाती है। असीम विरासत को अपने अन्दर समेटे बुन्देलखंड क्षेत्र (झांसी मंडल) कला-संस्कृति और साहित्य में हमेशा ही अग्रेतर रहा है।

आधुनिकता के युग में भले ही परंपरागत कलाओं को समुचित स्थान ना मिल रहा हो पर इन कलाओं की बुनियाद इतनी मजबूत है कि यह आसानी से धूमिल नहीं हो सकती। इन कलाओं को अक्षुण्य बनाये रखना हम सभी का नैसर्गिक उत्तरदायित्व है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करने हुए डॉ रंजना वैशंपायन ने अपने संबोधन में कहा कि बुंदेलखंड की धरती ना सिर्फ अपने शौर्य अपितु अपनी संस्कृति और संपदा के लिए भी जानी जाती है। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि बुंदेली चित्रकला को भी जल्द से जल्द जियो टैग दिलवाया जाए, जिससे बुंदेली संस्कृति को विश्व स्तर पर एक विशिष्ट पहचान मिल सके।

अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रदर्शनी के संयोजक डॉक्टर श्वेता पांडे ने बताया इस प्रदर्शनी में कुल 80 प्रविष्टियां आई थी। इनमें से चयनित 50 चित्रकारों की पेंटिंग्स को प्रदर्शनी में लगाया गया। इस प्रदर्शनी में लगाई गई सभी पेंटिंग्स पूरी तरह से बुंदेली शैली पर ही आधारित हैं।
समिती की संरक्षक डॉ नीति शास्त्री ने बताया कि मंडलायुक्त डॉ़ अजय शंकर पाण्डेय द्वारा बुंदेली संस्कृति, कला साहित्य और संपदा को संरक्षित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने इस कार्य के लिए अलग अलग 11 समितियां गठित की हैं। अतिथियों को आभार सहसंयोजक डॉ उमेश कुमार ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन शाश्वत सिंह द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में ज्वाइंट कमिश्नर मिथिलेश सचान, मुख्य विकास अधिकारी झांसी शैलेष कुमार, राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ मुन्ना तिवारी, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के होटल प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो प्रतीक अग्रवाल, झांसी विकास प्राधिकरण के सर्वेश कुमार दीक्षित, मंडल कार्यालय से आनंद चौबे तथा अन्य विभागों के अधिकारी बड़ी संख्या में बुंदेलखंडी कला प्रेमी उपस्थित रहे।