नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को लोगों से भारत की विविधता का दर्शन करने की अपील करते हुये कहा कि इससे न सिर्फ लोग गौरवशाली इतिहास से परिचित होंगे बल्कि स्थानीय लोगों की आय बढ़ाने का भी अहम माध्यम बनेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात की 105 वीं कड़ी में राष्ट्र को संबोधित करते हुये कहा कि कर्नाटक के होयसड़ा मंदिरों को यूनेस्को ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है, उन्हें,13वीं शताब्दी के बेहतरीन वास्तुशिल्प के लिए जाना जाता है। इन मंदिरों को यूनेस्को मान्यता मिलना, मंदिर निर्माण की भारतीय परंपरा का भी सम्मान है। भारत में अब विश्व धराेहर संपदा की कुल संख्या 42 हो गई है। भारत का प्रयास है कि हमारे ज्यादा-से-ज्यादा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जगहों को यूनेस्को से मान्यता मिले।
उन्होंने कहा,“मेरा आप सबसे आग्रह है कि जब भी आप कहीं घूमने जाने की योजना बनाएं तो ये प्रयास करें कि भारत की विविधता के दर्शन करें। आप अलग-अलग राज्यों की संस्कृति को समझें, धरोहर स्थलों को देखें। इससे, आप अपने देश के गौरवशाली इतिहास से तो परिचित होंगे ही, स्थानीय लोगों की आय बढ़ाने का भी आप अहम माध्यम बनेंगे।”
उन्होंने कहा कि हमारे तो ज्यादातर देवी-देवताओं की सवारी ही पशु-पक्षी हैं। बहुत से लोग मंदिर जाते हैं, भगवान के दर्शन करते हैं, लेकिन जो जीव-जंतु उनकी सवारी होते हैं, उस तरफ़ उतना ध्यान नहीं देते। ये जीव-जंतु हमारी आस्था के केंद्र में तो रहने ही चाहिए, हमें इनका हर संभव संरक्षण भी करना चाहिए। बीते कुछ वर्षों में, देश में, शेर, बाघ, तेंदुआ और हाथियों की संख्या में उत्साहवर्धक बढ़ोत्तरी देखी गई है। कई और प्रयास भी निरंतर जारी हैं, ताकि इस धरती पर रह रहे दूसरे जीव-जंतुओं को बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि ऐसा ही एक अनोखा प्रयास राजस्थान के पुष्कर में भी किया जा रहा है। यहाँ सुखदेव भट्ट और उनकी टीम मिलकर वन्य जीवों को बचाने में जुटे हैं और उनकी टीम का नाम कोबरा है। ये ख़तरनाक नाम इसलिए है क्योंकि उनकी टीम इस क्षेत्र में खतरनाक साँपों काे बचाते का काम भी करती है। इस टीम में बड़ी संख्या में लोग जुड़े हैं, जो सिर्फ एक कॉल पर मौके पर पहुंचते हैं और अपने मिशन में जुट जाते हैं। सुखदेव जी की इस टीम ने अब तक 30 हजार से ज्यादा जहरीले साँपों का जीवन बचाया है। इस प्रयास से जहाँ लोगों का खतरा दूर हुआ है, वहीँ प्रकृति का संरक्षण भी हो रहा है। ये टीम अन्य बीमार जानवरों की सेवा के काम से भी जुड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह से तमिलनाडु के चेन्नई में ऑटो ड्राइवर एम.राजेंद्र प्रसाद जी भी एक अनोखा काम कर रहे हैं। वो पिछले 25-30 साल से कबूतरों की सेवा के काम में जुटे हैं। खुद उनके घर में 200 से ज्यादा कबूतर हैं। वहीं पक्षियों के भोजन, पानी, स्वास्थ्य जैसी हर जरुरत का पूरा ध्यान रखते हैं। इस पर उनका काफी पैसा भी खर्च होता है, लेकिन वह, अपने काम में डटे हुए हैं।