नयी दिल्ली, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि सरकार ‘एक्ट ईस्ट, एक्ट फास्ट और एक्ट फर्स्ट’ के तीन मंत्रों के साथ पूर्वोत्तर में प्राथमिकता के साथ विकास कार्यों को गति दे रही है।
अमित शाह ने शुक्रवार को शिलांग में पूर्वोत्तर परिषद के 71वें पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 75 वर्षों में से पिछले 10 वर्ष पूर्वोत्तर के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन 10 सालों में ढांचागत सुविधाओं के निर्माण से पूर्वोत्तर और दिल्ली तथा शेष भारत के बीच की दूरी कम हुई है , साथ ही मन का अंतर भी कम हुआ है। कई प्रकार की नस्लीय, भाषाओं, सीमाओं और उग्रवादी गुटों से संबंधित समस्याओं से जूझते पूर्वोत्तर में इन 10 वर्षों में एक नए और शांति के लंबे युग की शुरूआत भी हुई है। उन्होंने कहा कि यह दशक निश्चित रूप से पूर्वोत्तर के स्वर्णिम युग के रूप में माना जाएगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर परिषद ने स्थापना के 50 साल में पूर्वोतर के सभी राज्यों को नीतिविषयक प्लेटफॉर्म देकर इस क्षेत्र के विकास की गति को बढ़ाने और उनकी समस्याओं के समाधान को सरल बनाने का काम किया है। इन 50 वर्षों में इस क्षेत्र में लगभग 12000 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों का निर्माण हुआ है, 700 मेगावॉट बिजली संयंत्रों की स्थापना हुई है और राष्ट्रीय प्रतिभा के कई संस्थानों की स्थापना का काम भी हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की भाषा, संस्कृति, खानपान, वेषभूषा और प्राकृतिक सुंदरता से वैश्विक पर्यटन में इस क्षेत्र को बहुत बढ़ावा मिलेगा।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि आज परिषद की ईयरबुक-2024 का विमोचन भी हुआ है। श्री शाह ने सभी राज्यों से सकल वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने का आग्रह किया और कहा कि मणिपुर, असम, नागालैंड और त्रिपुरा ने इस दिशा में अच्छा प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि बाढ़मुक्त और नशामुक्त पूर्वोत्तर बनाने पर हमें जोर देना होगा। बड़ी झीलों का निर्माण कर वर्षा के जल को उनमें समाहित कर हम पर्यटन को आकर्षित करने के साथ ही पीने का पानी और सिंचाई की व्यवस्था को भी सुदृढ़ कर सकते हैं।