प्रयागराज, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को कहा कि विद्यार्थियों में पढ़ाई के लिए समय की पाबन्दी नहीं होनी चाहिए और विद्यार्थियों को छह घंटे की नींद पर्याप्त है।
राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर में आयोजित 18वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए श्रीमती पटेल ने कहा कि पढ़ाई के लिए समय की पाबन्दी नहीं होनी चाहिए, छह घंटे की नींद पर्याप्त है और 18 घंटे में प्लानिंग कर पढ़ाई की जा सकती है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को अपनी शुभकामना देते हुए कहा कि कठिन परिश्रम करके यह उपलब्धि हासिल किया है। जिसकी प्रेरणा से यह मुकाम आप लोगों को हासिल हुआ है, घर जाकर माता को प्रणाम करना।
राज्यपाल ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा की दिशा में भी तेजी से काम हुआ है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या और बढ़ानी चाहिए। आने वाले वर्षों में एक लाख से ज्यादा शिक्षार्थियों की संख्या होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश 25 करोड़ की आबादी वाला राज्य है। सभी को शिक्षा प्राप्त नहीं होती है। उन्हें दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षित किया जा सकता है। नई शिक्षा नीति के तहत भी छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ रोजगार से जोड़ा जाना चाहिए। छात्र-छात्राएं बगैर शिक्षक के भी रिसर्च कर आगे बढ़ सकते हैं।
उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भूमिका की चर्चा की। उन्होंने कहा कि छह वर्ष तक के बच्चों की देखभाल और उनके पालन पोषण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। यह काम कोई यूनिवर्सिटी और कॉलेज नहीं कर सकता है। अगर यूनिवर्सिटी की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मदद की जाए तो यह काम और आसान हो सकता है। उन्होंने लोगों का भी आह्वान किया कि गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए सहयोग करें। उन्होंने हर यूनिवर्सिटी से 100 भीख मांगने वाले बच्चों की शिक्षा के लिए काम करने का आह्वान किया।
दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि कुलपति राष्ट्रीय शैक्षिक की योजना एवं प्रशासन संस्थान नई दिल्ली की प्रोफेसर शशि कला बंजारी ने कहा कि शिक्षार्थियों ने अपने परिश्रम के बल पर यह डिग्री और मेडल हासिल किया है। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज पर अपनी अलग पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ शिक्षा के लिए उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की अहम भूमिका है।
समारोह में विभिन्न विद्याशाखाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 26 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक दिए गए। जिनमें नौ स्वर्ण पदक छात्रों को और 17 स्वर्ण पदक छात्राओं की झोली में गये। सत्र दिसम्बर 2022 तथा जून 2023 की परीक्षा के सापेक्ष उत्तीर्ण 20734 शिक्षार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी जिसमें 12640 छात्र एवं 8049 छात्राएं हैं।