मुंबई , महाराष्ट्र के चिकित्सा प्रशासन अधिकारियों ने राज्य सरकार द्वारा और मुंबई तथा कोल्हापुर के निकायों द्वारा संचालित मैडिकल कालेजों में एमबीबीएस कर रहे 19 छात्रों को निष्कासित कर दियासंचालित है । उनके खिलाफ यह कार्रवाई कथित तौर पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र के जरिए इन कालेजों में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर प्रवेश लेने के लिए की गई है ।
एक अधिकारी ने बताया कि राज्य भर के सभी चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में प्रवेश की निगरानी करने वाले चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय :डीएमईआर: ने अनुसूचित जाति और जनजाति कोटा की सीटों पर प्रवेश लेने वाले अन्य सभी छात्रों के प्रमाणपत्रों की भी जांच कराने का निर्देश दिया है । इसके साथ ही निष्कासित छात्रों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है ।
निदेशालय को सूचना मिली थी कि अकादमिक सत्र 2013..14 और 2014..15 में अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए आरक्षित सीटों पर प्रवेश लेने वाले कुछ छात्रों ने फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए प्रवेश लिया है ।
जे जे अस्पताल के डीन डा टी पी लहाणे ने बताया ,‘‘ग्रांट मैडिकल कालेज के नौ छात्र अनियमितता के दोषी पाए गए हैं । इन्होंने दावा किया था कि ये उत्तर पश्चिम महाराष्ट्र के नंदुरबार के निकट के एक आदिवासी गांव के निवासी हैं । गांव से पदाधिकारियों ने जो रिपोर्ट भेजी है उसके अनुसार उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्र लगाए हैं ।’’ निदेशालय के निदेशक प्रवीण शिंगारे ने बताया कि इस फर्जीवाड़े के बारे में सूचना मंत्रालय के एक पूर्व कर्मी ने उपलब्ध कराई थी ।