मुंबई, लेखक एवं निर्देशक मिलाप झवेरी का मानना है कि जाति, धर्म और लिंग के बावजूद फिल्में लोगों को एकजुट करती हैं। झावेरी ने रविवार को ट्विटर पर कहा, सिनेमाहॉल एक ऐसी जगह है, जहां जाति, पंथ, धर्म, लिंग, यौन वरीयता.. कुछ भी मायने नहीं रखता।
फिल्में हमें एक छत के नीचे एकजुट करती हैं। यह ट्वीट एस.एस. राजामौली की फिल्म ‘बाहुबली-2: द कन्क्लूजन’ की सफलता और इसकी सराहना के बाद आया। यह फिल्म मलयालम, तमिल, तेलुगू और हिंदी में जारी हुई है और फिल्म निर्माताओं के अनुसार नौ दिन में 1000 करोड़ रुपये का कारोबार कर चुकी है।