मुंबई, वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में गिरावट के बीच चार में से तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जबरदस्त प्रदर्शन और आर्थिक विकास के मजबूत आंकड़ों से उत्साहित निवेशकों की चौतरफा लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह साढ़े तीन प्रतिशत की छलांग लगा चुके घरेलू शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह नीतिगत दरों पर फेड रिजर्व के निर्णय और स्थानीय स्तर पर जारी होने वाले महंगाई आंकड़े तय करेंगे।
बीते सप्ताह रिजर्व बैंक (आरबीआई) के चालू वित्त वर्ष के आर्थिक विकास अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत करने के साथ ही महंगाई पर लगाम लगाए रखने के लिए नीतिगत दरों को एक बार फिर से यथावत रखने के निर्णय का भी बाजार पर सकारात्मक असर रहा। इससे बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2344.41 अंक अर्थात 3.5 प्रतिशत उछलकर सप्ताहांत पर सार्वकालिक उच्चतम स्तर 69825.60 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 701.5 अंक यानी 3.5 प्रतिशत की तेजी के साथ 20969.40 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में दिग्गज कंपनियों की तरह बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी जमकर लिवाली हुई। इससे मिडकैप 704.15 अंक अर्थात 2.01 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 35290.91 अंक और स्मॉलकैप 538.41 अंक यानी 1.33 प्रतिशत मजबूत होकर 41104.37 अंक हो गया।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओपेन मार्केट कमेटी की नीतिगत दरों पर अगले सप्ताह 12-13 दिसंबर को बैठक होने वाली है। बैठक के निर्णयों पर निवेशकों की नजर रहेगी। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश प्रवाह का भी बाजार पर असर रहेगा।
एफआईआई ने इस वर्ष पिछले लगातार तीन महीने अगस्त, सिंतबर और अक्टूबर में जबरदस्त बिकवाली के बाद नवंबर में 5,795.05 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की है। साथ ही दिसंबर में अबतक बाजार में उनका शुद्ध निवेश 10,874.72 करोड़ रुपये का रहा है। एफआईआई अगस्त में 20,620.65 करोड़ रुपये, सितंबर में 26,692.16 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 29,056.61 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे।
इसके अलावा स्थानीय स्तर पर अगले सप्ताह मंगलवार को नवंबर के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई और गुरुवार को थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित थोक महंगाई के आंकड़े जारी होने वाले हैं। बाजार को दिशा देने में इन कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
बीते सप्ताह गुरुवार की गिरावट को छोड़कर चार दिन बाजार ने नये रिकॉर्ड बनाए। वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में गिरावट के बीच चार में से तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जबरदस्त प्रदर्शन और आर्थिक विकास के मजबूत आंकड़ों से उत्साहित निवेशकों की चौतरफा लिवाली की बदौलत सोमवार को सेंसेक्स 1383.93 अंक की उड़ान भरकर 68865.12 अंक और निफ्टी 418.90 अंक की तेजी लेकर 20686.80 अंक पर रहा।
विश्व बाजार की गिरावट के बावजूद स्थानीय स्तर पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली थमने से यूटिलिटीज, पावर, सर्विसेज और कमोडिटीज समेत चौदह समूहों में साढ़े छह प्रतिशत की तेजी से मंगलवार को सेंसेक्स 431.02 अंक की छलांग लगाकर 69,296.14 अंक और निफ्टी 168.30 अंक की तेजी के साथ 20,855.10 अंक पर रहा।
अमेरिका और भारत दोनों देशों में महंगाई में कमी और यील्ड में गिरावट से एफआईआई के निवेश में तेजी आने से स्थानीय स्तर पर यूटिलिटीज, पावर, तेल एवं गैस, कैपिटल गुड्स और ऊर्जा समेत सोलह समूहों में हुई लिवाली की बदौलत बुधवार को सेंसेक्स 357.59 अंक उछलकर 69,653.73 अंक पर और निफ्टी 82.60 अंक मजबूत होकर 20,937.70 अंक हो गया।
विश्व बाजार की गिरावट के दबाव में स्थानीय स्तर पर एफएमसीजी, आईटी और धातु समेत छह समूहों में हुई बिकवाली से गुरुवार को शेयर बाजार के पिछले लगातार सात दिन की तेजी थम गई। सेंसेक्स 132.04 अंक उतरकर 69,521.69 अंक और निफ्टी 36.55 अंक टूटकर 20,901.15 अंक रह गया।
आरबीआई के चालू वित्त वर्ष के आर्थिक विकास अनुमान को बढ़ाने और नीतिगत दरों को एक बार फिर से यथावत रखने के निर्णय से उत्साहित निवेशकों की वित्तीय सेवाएं, बैंकिंग, आईटी और टेक समेत नौ समूहों में हुई लिवाली से शुक्रवार को सेंसेक्स 303.91अंक की तेजी के साथ 69825.60 अंक और निफ्टी 68.25 अंक चढ़कर 20969.40 अंक हो गया।