नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के बालक-बालिकाओं को भारत को आधुनिक और विकसित बनाने वाले संकल्पों से जुड़ने और उन्हें देश में निर्मित वस्तुओं की खरीद के अभियान में जुड़ने का सोमवार को आह्वान किया। श्री मोदी ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत के संकल्पों और कार्यों का लाभ पूरे विश्व को मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने आज राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 के विजेता बालक बालिकाओं से बातचीत में यह भी कहा कि भारत जल्दी ही अपने भरोसे अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजेगा जिसके लिए युवा शक्ति पूरी लगन से जुटी है।
श्री मोदी ने कहा आज हमें गर्व होता है, जब हम देखते हैं कि भारत के युवा नए-नए नवोन्मेष कर रहे हैं, देश को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अब से कुछ समय बाद, भारत अपने दमखम पर, पहली बार अंतरिक्ष में भारतीयों को भेजने वाला है। इस गगनयान मिशन का दारोमदार भी हमारे युवाओं के कंधों पर ही है। जो युवा इस मिशन के लिए चुने गए हैं, वो इस समय कड़ी मेहनत कर रहे हैं।”
श्री मोदी ने आज वैश्विक कंपनियों का नेतृत्व कर रहे भारतीय या भारतीय मूल के लोगों का उदाहरण देते हुए विजेताओं से कहा, ‘आपकी ही जेनेरेशन (पीढ़ी) भारत ही नहीं, बल्कि भारत के बाहर भी इस नए दौर को नेतृत्व प्रदान कर रही है।’
उन्होंने कहा , ‘‘आज हमें गर्व होता है जब देखते हैं कि दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जिनकी चर्चा लोगों की जुबान पर है वे हमारे ही देश की संतान हैं। इसी देश की युवा पीढ़ी है जो आज विश्व में छाई हुई है।…. भारत के युवा स्टार्ट अप की दुनिया में अपना परचम फहरा रहे हैं।”
स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा श्रेय भी मैं भारत के बच्चों को देता हूं। आप लोगों ने घर-घर में बाल सैनिक बनकर, स्वच्छाग्रही बनकर अपने परिवार को स्वच्छता अभियान के लिए प्रेरित किया। जैसे आप स्वच्छता अभियान के लिए आगे आए, वैसे ही आप वोकल फॉर लोकल अभियान(देश में उपलब्ध और देश में निर्मित वस्तुओं) के लिए भी आगे आइए।…. घर के लोगों से आग्रह करें कि भविष्य में जब वैसा ही कोई सामान खरीदा जाए तो वो भारत में बना हो। उन्होंने कहा कि इससे देश का उत्पादन बढ़ेगा, रोजगार के भी नए अवसर बनेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में हर युग में छोटे-छोटे बच्चों ने वीरता का इतिहास लिखा है। इस अवसर पर आज़ादी की लड़ाई में वीरबाला कनकलता बरुआ, खुदीराम बोस, रानी गाइडिनिल्यू जैसे वीरों का उल्लेख किया । उन्होंने दीपावली पर जम्मू-कश्मीर की अपनी यात्रा में मुलाकात बलदेव सिंह और बसंत सिंह नाम से अपनी भेंट को भी याद किया जिन्होंने आज़ादी के तुरंत बाद कश्मीर में लड़ाई में बाल सैनिक की भूमिका निभाई थी। उन्होंने विजेताओं को गुरु गोविन्द सिंह जी के बेटों का शौर्य और बलिदान की भी याद दिलाई जिनकी स्मृति में देश ने 26 दिसम्बर को ‘वीर बाल दिवस’ की भी शुरुआत की गयी है।