चेन्नई, केंद्रीय बजट में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की ओर से सूचीबद्ध छह प्रमुख परियोजनाओं के बारे में कोई उल्लेख नही किए जाने पर सत्तारुढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) और उसके सहयोगी दलों ने निराशा व्यक्त की।
मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने रविवार को जिन छह प्रमुख मुद्दों को सूचीबद्ध किया उनमें सड़क और रेल परियोजनाएं के अलावा आयकर बोझ में कमी भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना के लिए पिछले तीन वर्षों से जारी नहीं की गई धनराशि को बजट में आवंटित किया जाना चाहिए, तांबरम-चेंगलपट्टू एलिवेटेड एक्सप्रेसवे परियोजना को मंजूरी दी जानी चाहिए, आयकर का बोझ कम करके मध्यम वर्ग की 10 साल पुरानी उम्मीदों को पूरा किया जाना चाहिए, कोयंबटूर और मदुरै मेट्रो रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी जानी चाहिए, पहले से घोषित नई रेलवे परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिए धनराशि का आवंटन किया जाना चाहिए और ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजनाओं के लिए लागत सीमा बढ़ाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि उपरोक्त सूचीबद्ध परियोजनाओं सहित तमिलनाडु के लोगों की उम्मीदें केंद्र सरकार द्वारा पूरी की जाएंगी।” उन्होंने कहा कि वेतनभोगी वर्ग के आयकरदाताओं के लिए मानक कटौती में 50,000 रुपये से 75,000 रुपये तक मामूली वृद्धि और कर स्लैब में मामूली बदलाव के अलावा, बजट में राज्य की लंबे समय से चली आ रही मांगों के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री एम के स्टालिन द्वारा बताई गई इच्छा सूची के अलावा राज्य सरकार एनडीआरएफ से 37,000 करोड़ रुपये की बाढ़ राहत, राज्य में बारिश से प्रभावित जिलों में पुनर्वास कार्यों, जीएसटी मुआवजे सहित अन्य धन की मांग कर रही थी। लेकिन बजट प्रस्तावों में इसका कोई उल्लेख नहीं था।
राज्य में राजनीतिक दलों, जिनमें मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक , भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी पाट्टाली मक्कल कॉची (पीएमके) और अन्य दल शामिल हैं ने बजट पर निराशा व्यक्त की है। बजट में तमिलनाडु के लिए कोई घोषणा नहीं की गई है।
तमिलनाडु द्वारा प्रस्तावित गोदावरी-कावेरी नदी को जोड़ने की परियोजना के बारे में भी कोई उल्लेख नहीं किया गया है, जिससे किसानों को बहुत निराशा हुई है।
उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा घोषित होसुर, कोयंबटूर रक्षा गलियारों और राष्ट्रपति के अभिभाषण में घोषित ”नादंताई वाझी कावेरी” परियोजना (कावेरी नदी सफाई परियोजना) के लिए भी धन आवंटित नहीं किया गया है। बिहार, असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम जैसे राज्यों के लिए बाढ़ रोकथाम उपायों के लिए भारी धनराशि आवंटित करते हुए बजट में तमिलनाडु के लिए ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि यह केंद्र के पक्षपातपूर्ण रवैये और बड़ी निराशा को दर्शाता है।
भाजपा के पूर्व सहयोगी और अन्नाद्रमुक महासचिव तथा विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने कहा कि वेतनभोगी वर्ग के लिए मानक कटौती में वृद्धि अपर्याप्त थी और आयकर व्यवस्था में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया, जिससे लोगों में बड़ी निराशा हुई है। उन्होंने कहा ”बजट एक बड़ी निराशा है, क्योंकि इसमें तमिलनाडु के लिए कोई नई घोषणा नहीं की गई।”
यहां एक बयान में कहा गया कि यह एक ऐसा बजट है जो केवल भाजपा के सहयोगी दलों द्वारा शासित राज्यों को संतुष्ट करता है और इसका उद्देश्य पूरे देश के लिए समान रूप से आर्थिक विकास में सुधार करने के लिए समान अवसर प्रदान करना नहीं है। वह स्पष्ट रूप से बिहार में सड़क अवसंरचना परियोजनाओं के लिए आवंटित 26,000 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश के लिए 15,000 करोड़ रुपये का जिक्र कर रहे थे।