बड़े राजनैतिक अर्थ हैं, अखिलेश यादव के ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली में शामिल होंने के
August 22, 2017
लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव की ओर से आयोजित ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली में शामिल होंने की घोषणा कर बड़े राजनैतिक संकेत दिये हैं.
27 अगस्त को पटना में लालू प्रसाद यादव ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली कर रहें हैं जिसमे उन्होंने सभी विपक्षी दलों से शामिल होने का आह्वाहन किया है. भाजपा की जनविरोधी नीतियों एवं तानाशाही प्रवृत्ति के विरोध मे यह आयोजन किया जा रहा है.
‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली, वास्तव मे 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक महागठबंधन बनाने के प्रयास की बुनियाद है. रैली मे अखिलेश यादव के शामिल होने का अर्थ है कि भाजपा को बिहार के बाद यूपी मे भी महागठबंधन से कड़ी टक्कर मिलेगी.
यूपी मे सपा, बसपा और कांग्रेस सहित विपक्ष के महागठबंधन से जीत पाना बीजेपी के लिये नामुमकिन दिखायी पड़ रहा है. हाल ही मे हुये यूपी विधानसभा चुनाव मे प्राप्त वोटों को ही देखें तो सपा, बसपा और कांग्रेस को कुल मिलाकर 51 प्रतिशत वोट मिला है वहीं बीजेपी को केवल 41 प्रतिशत वोट ही प्राप्त हुआ है. एेसी स्थिति मे बीजेपी के सपने बिहार के बाद यूपी मे भी ध्वस्त होते दिखायी पड़ रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने काफी सोंच समझकर रैली मे शामिल होने का निर्णय लिया है. इधर बसपा को लेकर भी उनके बयानों मे नरमी दिखायी दे रही है. साथ ही जिस तरह से वह भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का खुलकर विरोध कर रहें हैं उससे लगता है कि 27 अगस्त को पटना में लालू प्रसाद यादव की ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली के बाद भविष्य मे होने वाले महागठबंधन मे उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती हैं.
लालू प्रसाद यादव की ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली मे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के शामिल होने से जहां एक ओर लालू प्रसाद यादव सहित विपक्ष को बिहार और पूरे देश मे ताकत मिलेगी , वहीं दूसरी ओर यह रैली अखिलेश यादव के राजनैतिक कद को भी बढ़ायेगी.