नई रणनीति के अंतर्गत मायावती अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन करेगी. इसका पहला वो प्रयोग कर्नाटक में पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा की पार्टी के साथ गठबंधन करने जा रही है. यूपी में भी गठबंधन के लिए उन्होनें ना नही कहा है जैसे की मीडिया में प्रचारित किया जा रहा है. यूपी मायावती के लिए सबसे अहम राज्य है इस लिए वो सावधानी पूर्वक सारी संभावनाओं पर विचार कर रही है.
पिछले वर्ष हुए विधान सभा चुनाव में पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा है वही हाल में ही हुए नगर-निगम चुनाव में उन्होनें मेरठ और अलीगढ़ महानगर में अपने मेयर प्रत्याशी जीताये है इससे यूपी में बसपा कार्यकार्ताओं ंका मनोबल काफी बढ़ा हुआ है अगर यूपी में सही दल के साथ गठबंधन हो जाता हैं तो बहुजन समाज पार्टी सफलता की नई कहानी लिख सकती हैं.
पिछले दिनों सूरत में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा बसपा के साथ चुनावी गठजोड़ के संकेत दिए थे. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा दिल्ली में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अभी सपा-बसपा गठबंधन को लेकर कोई बातचीत नहीं है जब ऐसी कोई बात आएगी तो देखा जाएगा.
सतीश चंद्र मिश्रा ने मायावती के उपचुनाव लड़ने का भी खंडन किया. उन्होंने कहा कि मायावती फूलपुर लोकसभा सीट के लिए होने वाले चुनाव को नहीं लड़ेंगी. सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए जनता दल सेक्युलर के साथ गठबंधन किया है. पार्टी 2019 में सरकार बनाने के लिए तैयारियों में जुटी है.