रायपुर, छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बाघ के खाल की तस्करी करने के आरोप में वन विभाग ने नौ लोगों को गिरफ्तार कर उनसे खाल जब्त किया है। आरोपियों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
कांकेर वन मंडल के मुख्य वन संरक्षक जनक राम नायक ने बताया कि कांकेर वन मंडल में बाघ के खाल की तस्करी करने के आरोप में वन विभाग ने नौ लोगों कन्हैया ठाकुर, बलराम मुड़मा :22 वर्ष:, समीर मुड़मा :23 वर्ष:, पुलिस आरक्षक प्रेमसिंह लकड़ा :32 वर्ष:, तुकाराम लोन्हारे :47 वर्ष:, कुन्दल शोरी :50 वर्ष:, पुलिस आरक्षक रतनसाय तिर्की :38 वर्ष:, पंचू राम :47 वर्ष: और मानसिंग :22 वर्ष: को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों से बाघ की खाल, चार मोटर सायकल और 11 मोबाइल फोन जब्त किया है।
नायक ने बताया कि वन विभाग की टीम को बीते 29 नवम्बर को खबर मिली कि एक बाघ के खाल का सौदा बीजापुर में किया जा रहा है। इसकी जानकारी मिलते ही वन विभाग की स्पेशल टीम, एन्टी पोचिंग यूनिट तथा डॉग स्क्वायड अचानकमार टाइगर रिजर्व ने बीजापुर के एक व्यक्ति से फोन से सम्पर्क कर सौदा करने का प्रयास किया। उस व्यक्ति ने कहा कि वह पैसा झराने वाले बाबा (तांत्रिक) को ढूंढ रहा है।
मुख्य वन संरक्षक नायक ने बताया कि इसके बाद वन विभाग ने अपने ही एक कर्मचारी को बाबा बनाकर उस व्यक्ति के पास भेजा।
नायक ने बताया कि बाद में एन्टी पोचिंग यूनिट तथा डॉग स्क्वायड के साथ वन मण्डल कांकेर के दल ने जिले के नरहरपुर तहसील के अंतर्गत किसनपुरी गांव के एक घर से बाघ का खाल, चार मोटर सायकल तथा 11 मोबाइल जब्त कर लिया। अधिकारी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान बाघ के शिकारियों के संबंध में जानकारी मिली है। उनकी खोज में दल को रवाना किया गया है।