बाजार की जरुरतों के अनुसार खुद को अपडेट रखें एमएसएमई इकाइयां: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों को बदलते बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार स्वयं को निरंतर अपडेट करते रहना होगा।

उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा एमएसएमई बेस है, इसलिए इस क्षेत्र से जुड़े युवाओं की क्षमता संवर्धन के लिए ठोस रणनीति अपनाई जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि ‘सीएम-युवा’ योजना के अंतर्गत नए उद्यमियों को ऋण देने से पूर्व उन्हें विधिवत और गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण अवश्य प्रदान किया जाए।

मंगलवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र के समग्र विकास, उद्यमिता के विस्तार, रोजगार सृजन और निर्यात वृद्धि के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होने कहा कि प्रदेश की एमएसएमई इकाइयाँ स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को गति देने के साथ-साथ बड़े उद्योगों के लिए एंकर यूनिट के रूप में भी कार्य कर रही हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयाँ सक्रिय हैं, जो राज्य के कुल निर्यात में करीब 46 प्रतिशत का योगदान कर रही हैं और 1.65 करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार प्रदान कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘लोकल टू ग्लोबल’ और ‘ब्रांड यूपी’ के मंत्र को साकार करने के लिए एमएसएमई सेक्टर को रणनीतिक रूप से अधिक सशक्त बनाए जाने पर बल दिया। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश की पारंपरिक शिल्पकला, कृषि आधारित उत्पादन और नवाचार पर आधारित उद्यमशीलता को अब वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का उपयुक्त समय है। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य की योजनाएं युवाओं, महिलाओं, उद्यमियों और ग्रामीण समाज के आर्थिक सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर बनाई जाएं और इनकी सतत निगरानी भी सुनिश्चित हो।

स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ के अंतर्गत 3.21 लाख से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया है, जबकि 56 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एक लाख वार्षिक लक्ष्य के अनुरूप योजना के लाभार्थियों को समयबद्ध रूप से ऋण वितरण हो। इसके लिए बैंकिंग संस्थानों से समन्वय सशक्त किया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि ऋण देने से पूर्व चयनित युवाओं को विधिवत प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है।

‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वर्ष 2018-19 में जहां 7,600 कारीगरों को प्रशिक्षित कर टूलकिट वितरित की गई थी, वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 75,000 से अधिक हो गई है। मुख्यमंत्री ने योजना के कवरेज को और बढ़ाने, प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखने तथा टूलकिट की उपयोगिता और मजबूती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स एमएसएमई इकाइयों के लिए एक उत्कृष्ट मॉडल है, जिसमें सीमित स्थान में बहु-इकाई औद्योगिक संचालन संभव होता है। कानपुर में इसका सफल उदाहरण देखा गया है। मुख्यमंत्री ने इस मॉडल को अन्य नगरों में विस्तार देने और निजी क्षेत्र को भी इसमें भागीदार बनाने का सुझाव दिया। सीएम फेलो के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने उनके प्रदर्शन की नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’ के अंतर्गत अब तक 31 हजार से अधिक आवेदनों पर कार्यवाही करते हुए 760 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी वितरित की जा चुकी है, जिससे लगभग ढाई लाख रोजगार सृजित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों के युवाओं तक इन योजनाओं की पहुँच और अधिक व्यापक होनी चाहिए।

‘एक जनपद एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना प्रदेश की पारंपरिक शिल्पकला और लघु उद्योगों के पुनर्जीवन का आधार बनी है। वर्ष 2018 से अब तक 635 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी वितरित की जा चुकी है और लाखों लाभार्थियों को प्रशिक्षण, विपणन, डिज़ाइन और अन्य तकनीकी सहायता दी गई है। मुख्यमंत्री ने ओडीओपी उत्पादों की वैश्विक ब्रांडिंग, पैकेजिंग और डिज़ाइन को और बेहतर बनाकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में उन्हें सक्षम बनाए जाने के निर्देश दिए।

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