झांसी, उत्तर प्रदेश के झांसी में गुरुवार सुबह तेज बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने लोगों के साथ साथ किसानों के लिए भी बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है।
जिले में बुधवार देर रात से ही रूक रूक कर हो रही बारिश और तेज हवाओं ने मौसम का मिजाज बदल दिया और ठिठुरन काफी बढ़ गयी। बारिश के कारण किसानों को भी फसलों को नुकसान की आशंका सताने लगी लेकिन आज सुबह तो कई इलाकों में ओलावृष्टि ने किसानों के माथे पर लकीर खींच दी। बारिश के बीच हाड कांपने वाली ठंडी हवाओं ने लोगों को बिस्तर में ही दुबके रहने को मजबूर कर दिया।
बुंदेलखंड का किसान गर्मी में कभी सूखे तो कभी अतिवृष्टि का मार झेलता है लेकिन सर्दियों में होने वाली बारिश जहां गेहूं के लिए अच्छी साबित होती है वहीं बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि अन्य फसलों की संभावना को और धूमिल कर देती है। ऐसा ही कुछ आज सुबह हुआ।
जनपद के बबीना विकासखंड के घिसोली फूलपूर, बबीना, पूरा,बडैरा, कोटी, नयाखेड़ा, मनकुआ, कंचनपुर, शेखर, लहर, ठकुरपुरा, रशीना,सिमरिया आदि गांवों में जमकर ओलावृष्टि हुई है। इससे किसानों को खासा नुकसान हुआ है। किसानों की मानें तो इस बारिश ने फसलों की हालत खराब कर दी है। केवल गेहूं की फसल को इससे फायदा नजर आ रहा है जबकि पुरानी बुवाई की चने, मसूर, मटर व सरसों आदि फसलों में फूल लग गया था और बारिश से उन्हें बुरी तरह से नुकसान पहुंचा है। वही तेज हवा ने फसलों को जमीन पर गिराने का भी काम किया है।
किसानों का मानना है कि जल्द ही यदि बारिश बंद हो कर धूप निकलना शुरू नहीं हुई तो फसलें बर्बाद हो जाएंगी। वहीं किसान नेता गौरीशंकर बिदुआ ने बताया कि फसलों में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। यह नुकसान जनपद में करीब 20 से 25 प्रतिशत के आसपास है जबकि बाद में बोई गई फसलों को लाभ हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि खाद न मिलने से फसलों की बुवाई में देरी हुई लेकिन इस बारिश और ओलावृष्टि को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह देरी भी किसानों के लिए फायदेमंद रही।
मौसम विभाग के अनुसार यह क्रम आगामी सप्ताह भर तक चल सकता है। आने वाले 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्यौहार भी है। इसके चलते भी मौसम में परिवर्तन होता रहेगा। फिलहाल सप्ताह भर तक घने कोहरे के लिए लोगों को तैयार रहना चाहिए और अनुमान है कि इस दौरान बादल छाए रहेंगे।