नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड में केन्द्र सरकार द्वारा खाली जल ट्रेन भेजने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने शुक्रवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा किया और रेल मंत्री सुरेश प्रभु के इस्तीफे की भी मांग करने लगे और बाद में उन्होंने सदन से बहिर्गमन भी किया।
उप सभापति पीजे कुरियन, जनता दल(यू) के शरद यादव और बसपा की मायावती ने पानी पर किसी तरह की राजनीति न करने की सबसे अपील की, लेकिन जल ट्रेन भेजने के सवाल पर सदन में आधा घंटे तक सपा सदस्य नारेबाजी करते रहे। जब रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस मुद्दे पर सफाई देनी चाही तो सपा सदस्यों ने व्यवधान भी खड़ा किया और उसके जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा के नरेश अग्रवाल ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए संविधान के नियमों का हवाला दिया और कहा कि जब उत्तर प्रदेश सरकार ने केन्द्र से पानी का ट्रेन भेजने की मांग नहीं की थी तो केन्द्र ने बिना राज्य सरकार से संपर्क किए पानी का खाली ट्रेन क्यों भेजा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बुंदेलखंड में पानी का टैंकर, हैंड पम्प भेजने तथा तालाब खुदवाने एवं बांध बनवाने की मांग की थी, लेकिन केन्द्र सरकार ने यह सब तो नहीं किया बल्कि पानी का खाली ट्रेन बुंदेलखंड भेज दिया। देश के किसी भी हिस्से में सूखे की स्थिति पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। सपा सदस्यों ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को इस मुद्दे पर खेद प्रकट करने तथा मॉफी मांगने की मांग भी की।