झांसी, देश का उत्तरी हिस्सा इन दिनों जबरदस्त ठंड की चपेट में है और बुंदेलखंड का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। इस क्षेत्र में भी जबरदस्त शीतलहर , कोहरे और पाले के प्रकोप के बीच बारिश भी हुई है।
सिहरन भरी सर्दी के बीच इस समय बुंदेलखंड क्षेत्र के खेत हरी भरी फसलों से गुलजार है। इस बीच नववर्ष का आगाज भी पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में यकायक बढ़ी ठंड और कोहरे के साथ हुआ। लगातार तीन चार दिनों से धूप के दर्शन दुर्लभ हैं साथ ही हल्की बारिश भी हो रही है। अब इस मौसम से बुंदेलखंड के किसानों की परेशानी बढ़ने लगी है।
किसान नेता गौरी शंकर बिदुआ ने बुधवार को कहा कि काफी दिनों से भगवान भास्कर के दर्शन नहीं हुए है ं और पिछले दो तीन दिन से पाला भी पड़ने लगा है इसका असर दलहन ,तिलहन और गेंहू की फसल पर देखने को मिलेगा। इस समय खेतों में मसूर ,चना ,मटर ,गेंहू आदि की फसल खड़ी है । पाला पड़ने से पौधे सूख जाते हैं और फसल बरबाद हो जाती है। धूप न दिखने और पाला पड़ने के कारण अभी तक खेत में खड़ी फसल को 20 प्रतिशत का नुकसान है। अगर चार से पांच दिन और इसी तरह रहता है। धूप नहीं निकली और बारिश या पाला ज्यादा दिनों तक पड़ा तो फसल को नुकसान और अधिक बढ़ जायेगा।
किसान नेता अखिलेश लिटौरिया ने कहा कि बुंदेलखंड का किसान लगातार हर मौसम की मार झेलता है और फसल की बरबादी से हलकान है। इस बार सर्दियों में पाला पड़ने ,कोहरा छाये रहने और सूरज न निकलने की मार फिर से फसल बरबाद कर सकती है। किसानों के बीच खराब मौसम को लेकर चिंता बढ़ने लगी है। उन्होंने भी कहा कि खेत में खड़ी मटर की फसल पर फूल लग रहा है अभी पाले के कारण फूल पर असर कम है लेकिन अगर आगे कुछ दिन ऐसी ही स्थिति बनी रही तो मटर और मूंग की फसल को काफी नुकसान होगा। इसके अलावा दलहन और तिलहन की अन्य फसलें भी प्रभावित होंगी।
दूसरी ओर तीन चार दिनों से सूर्यदेव के दर्शन न होने के साथ साथ कोहरे और हल्की बारिश के कारण गलन भरी सर्दी की मार अब आम जनता को परेशान करने लगी है। बाजारों से रौनक गायब है और किसी जरूरी काम से ही लोग खरीदारी करने बाहर आ रहे हैं। कड़ाके की सर्दी ने लोगों को घरों में बंद होने को मजबूर कर दिया है। ठंडी हवाओं की चुभन ऐसी है कि दुकानदार भी जल्द ही दुकानें बंद कर घरों को चले जा रहे हैं। बढ़ती सर्दी के मद्देनजर प्रशासन ने बच्चों के स्कूलों की छुट्टियों को बढ़ा दिया है।
बुंदेलखंड में बढ़ी ठंड का असर हर आयुवर्ग पर साफ दिखायी दे रहा है । बुर्जुग लोग जहां बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं तो युवाओं के जोश को भी सर्दीली हवाएं चुनौती देती नजर आ रहीं हैं।