नई दिल्ली, सरकार ने आज स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में केवल अवैध बूचडखानों के ही खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और कानूनी तौर पर चलाये जा रहे बूचडखाने इस कार्रवाई के दायरे से बाहर हैं। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक द्वारा देश में बूचडखानों के खिलाफ कार्रवाई का मुद्दा उठाये जाने पर कहा कि यह अनाधिकृत बनाम अधिकृत का मामला है।
उन्होंने कहा कि कई दशकों से बड़ी संख्या में अवैध बूचडखाने चलाये जा रहे हैं जिनसे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जो भी कार्रवाई हो रही है वह केवल अवैध बूचडखानों के खिलाफ हो रही है और कानूनी रूप से चलाये जा रहे बूचडखानों को छुआ भी नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई का स्वागत किया जाना चाहिए। इससे पहले श्री हक ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि एक ओर सरकार सबका साथ सबका विकास की बात करती है दूसरी ओर देश के कई हिस्सों से बूचडखानों के खिलाफ कार्रवाई की खबर आ रही है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई यदि जरूरी थी तो इसे बेहतर तरीके से किया जा सकता था। लेकिन जिस तरह से यह कार्रवाई की जा रही है उससे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं और उनकी जीविका प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से गोश्त भी महंगा हो गया है और यह एक तरीके से लोगों के अधिकारों का हनन है। सरकार यह तय नहीं कर सकती कि लोग क्या खायें और क्या न खायें। उनकी बात का कई सदस्यों ने समर्थन किया।