एटा, उत्तर प्रदेश के एटा एवं आसपास के क्षेत्र में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश और ओलावृष्टि से हजारों बीघा जमीन पर खड़ी फसल बरबाद हो गयी।
कृषि विभाग के विशेषज्ञों की टीम द्वारा सोमवार को किये गये सर्वेक्षण में सरसों में 10 से 15 फीसदी,आलू में 20 से 30 फीसदी, मटर में 40 से 50 फीसदी और मसूर में भी बहुत नुकसान हुआ है। फसलों के नुकसान का आंकलन करने के बाद कृषि विभाग मुआवजा और बीमा राशि देने की बात कह रहा है। बारिश और ओलावृष्टि से किसान बेहाल हैं।
ओला वृष्टि का सर्वाधिक असर अवागढ़ ब्लॉक और जलेसर ब्लॉक क्षेत्र में हुआ है। इसके अतिरिक्त बारिश से पूरे जनपद की फसलों को नुकसान पहुँचा है। किसान जहां बड़े स्तर पर नुकसान की बात कह रहे हैं वही सरकारी कृषि विभाग नुकसान को कम आंक रहा है।
कृषि विभाग में डिप्टी डायरेक्टर एम पी सिंह ने अनुसार एटा जनपद में हुई बारिश और ओला वृष्टि से किसानों को खासा नुकसान हुआ है। उंन्होने खुद कृषि विभाग के विशेषग्यों के साथ क्षेत्र में जाकर नुकसान का सर्वे किया है। उन्होने कहा कि यदि बारिश आगे भी एक दो दिन जारी रही तो ये नुकसान और बढ़ सकता है। उनका कहना है कि बारिश और ओला वृष्टि से हुए किसानों के नुकसान का आंकलन करके बीमा कम्पनियों से उनको समुचित मुआवजा दिलाये जाने की प्रक्रिया चल रही है।
किसान अजीत बताते हैं कि उनकी सरसों की फसल पानी बरसने से गिर गयी है और उसका फूल भी झड़ गया है। चार दिनों से बारिश हो रही है। खेत मे पानी भर जाने से और नरवाई न हो पाने से तम्बाकू की फसल भी चली गयी है। वे कहते हैं कि आज अगर पानी बरस गया तो और ज्यादा नुकसान हो जाएगा। अभी तक 10-12 हजार प्रति बीघा का नुकसान हो चुका है।
मारहरा ब्लॉक के किसान राम नरेश तो अपनी मटर की खेती का नुकसान देखकार खेत मे ही गिर पड़े और जोर जोर से रोने लगे। इसी गांव के रहने वाले किसान राम नरेश की 12 बीघा मटर की फसल ओलावृष्टि से बर्बाद हो जाने पर वो खेत मे ही फूट फूट कर रोने लगे। राम नरेश ने यह मटर दूसरे का खेत पट्टे पर लेकर 20 हजार रुपये ऋण लेकर बोई थी।अब किसान को चिंता सता रही है कि वो,कैसे पट्टे की रकम अदा करेगा व कैसे 20 हजार का ऋण चुकता करेगा।