कोटा, राजस्थान में कोटा नगर निगम उत्तर में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की ओर से लव शर्मा को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किए जाने के कथित एकतरफा फैसले के विरोध में निगम के भाजपा पार्षदों में असंतोष की लहर थमने का नाम ही नहीं ले रही है।
प्रदेश अध्यक्ष के इस फैसले के खिलाफ भाजपा के आठ पार्षदों ने न केवल पार्टी के फैसला नहीं बदले जाने की स्थिति में भाजपा से अपनी संबद्धता छोड़ने की चेतावनी दी है बल्कि अपनी ओर से घोषित किए गए नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर मेवाड़ा को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता देने के लिए स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को आज एक हस्ताक्षरित पत्र भी भेजा है।
उल्लेखनीय है कि इन आठ भाजपा पार्षदों सहित पार्टी के समान विचारधारा रखने वाले चार निर्दलीय पार्षदों ने कल संयुक्त रूप पत्रकार वार्ता करके भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की ओर से घोषित नेता प्रतिपक्ष को के फैसले को स्वीकार करने से इंकार कर दिया था और कहा था कि यह एक तरफा फैसला है जिसे वे स्वीकार नहीं करते।
इसके विपरीत भाजपा के आठ और चार निर्दलीय पार्षदों ने बैठक करके पार्टी के फैसले को नकारते हुये सर्वसम्मति से नंदकिशोर मेवाड़ा को अपनी ओर से नेता प्रतिपक्ष चुन लिया था और उनका माल्यार्पण कर स्वागत भी किया था। भाजपा और निर्दलीय पार्षदों के इस फ़ैसले को नंदकिशोर मेवाड़ा ने स्वीकार कर नगर निगम में भाजपा के पक्ष में सतत रूप से कार्य करने की बात कही थी।
इस बीच भाजपा के आठ पार्षदों ने आज संगठन को स्पष्ट शब्दों में चेताया है कि नेता प्रतिपक्ष के लिए नियमानुसार आवश्यक समर्थन लव शर्मा के पास नहीं है। वे इसके खिलाफ हैं। ऐसी स्थिति में यदि पार्टी ने अपना निर्णय बदलते हुए नेता प्रतिपक्ष पद से लव शर्मा को हटाकर नंदकिशोर मेवाड़ा को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया तो हम आठ निर्वाचित पार्षद पार्टी पार्षद दल से संबद्धता खत्म करने का पत्र नगर निगम आयुक्त को दे देंगे जिससे कि उन्हे आवश्यक बहुमत नहीं होने के कारण नेता प्रतिपक्ष की मान्यता वैधानिक तरीके से नहीं दी जा सकेगी।