भाजपा राज में चला देश किस ओर, काम किसी और का फीता काटे कोई और- अखिलेश यादव
December 26, 2017
लखनऊ, समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर भाजपा पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के द्वारा करवाये गये कार्यों का क्रेडिट लेने का गंभीर आरोप लगाया है। समाजवादी पार्टी ने कहा कि जिनकार्यों का उद्घाटन अखिलेश यादव अपने कार्यकाल मे कर चुकें हैं, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री उनका दोबारा उद्घाटन कर रहें हैं।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कमेंट करते हुए कहा-
” अब इस नए राज में चला नये दोहों का दौर, काम किसी और का फीता काटे कोई और।”
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि दिल्ली मेट्रो का जो उद्घाटन हुआ है उसमें नोएड़ा सेक्टर 71 से ग्रेटर नोएडा नालेज पार्क तक का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 15 दिसम्बर 2016 को ही कर दिया था। जबकि मेट्रो परियोजना के पूरी होने में केन्द्र सरकार ने कई बाधाएं डाली थीं। यहां तक कि उसकी अनापत्ति प्रमाण पत्र देने में भी काफी विलम्ब किया गया।
इसके अतिरिक्त पिछली समाजवादी सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के द्वारा लखनऊ मेट्रो का संचालन बेहद कम समय में सम्पन्न हो सका। लेकिन केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकार को अखिलेश यादव के जनहितकारी कार्यों की प्रशंसा में दो शब्द बोलना भी गंवारा नहीं। लोकतंत्र में इस प्रकार का व्यवहार राजनैतिक मूल्यों को संकट में डालने वाला है।
राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि दिसम्बर 2016 को दिल्ली मेट्रो के तहत तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बोटैनिकल गार्डेन कालिन्दी कुंज मेट्रो लाइन का उद्घाटन और नोएडा सेक्टर 71 से ग्रेटर नोएडा नालेज पार्क-5 तक की मेट्रो लाइन का शिलान्यास किया था। उन्होंने कहा कि पिछली समाजवादी सरकार ने उत्तर प्रदेश में यातायात सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में कई ठोस कार्य किये थे जिसकी सराहना आज भी उत्तर प्रदेश की जनता कर रही है।
नोएडा एथारिटी और दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के साथ जून 2014 को हुये समझौता पत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कालिन्दी कुंज और ओखला बर्ड सैंचुरी के मेट्रो लाईन के लिये आदेश जारी किया था जिसकी वजह से मेट्रो के काम में तेजी आ सकी। अखिलेश यादव ने यह भी निर्देशित किया था कि मेट्रोलिंक के साथ अवस्थापना परियोजनाओं के पूरा करने में कतई विलम्ब न हो। संतोष की बात है कि ये सभी परियोजनाए उन्हीं की सरकार में नियत समय में पूरी हो गईं।
भाजपा सरकार का यह रवैया नया नहीं है। लखनऊ में जब मेट्रो रेल के उद्घाटन का उद्घाटन किया गया तब भी अखिलेश यादव का नाम नहीं लिया गया। ऐसे ही गोरखपुर में एम्स के लिए समाजवादी सरकार ने मुफ्त जमीन दी थी। उसके शिलान्यास के मौके पर भी भाजपा सरकार ने अखिलेश यादव का न नाम लिया न उन्हें आमंत्रित किया।
भाजपा सरकारों ने न तो कोई विकास किया और न जनहित में कोई काम किया। और तो और न कोई वायदा पूरा किया। यह राजनीति का दूसरा और डरावना पक्ष है। भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व का समाजवादी सरकार के कामों को अपना बताकर श्रेय लेना नैतिक नहीं है। प्रदेश में 9 महीने से ऊपर भाजपा सरकार को बने हो गया है लेकिन अब तक वह अपनी एक भी योजना नहीं लागू कर पाई है। समाजवादी सरकार ने जो योजनाएं चलाई थीं उन्हीं पर भाजपा सरकार अपनी मुहर लगा रही है। जनहित की कुछ और दूसरी समाजवादी योजनाए बंद कर दी गई है।
दरअसल भाजपा सत्ता में आकर दम्भ में डूब गई हैं। अपने अहंकार में वह अपने पूर्ववर्ती के प्रति सम्मानभाव का प्रदर्शन करना भी उचित नहीं समझ रही है। यह लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है। इससे भाजपा नेतृत्व के चरित्र का ही परिचय मिलता है। अखिलेश यादव में यही विशेषता है कि वे जब सत्ता में थे तब भी विनम्र और शालीन रहे और आज भी वे विपक्ष के प्रति उदारता का भाव रखते हैं।