नई दिल्ली, कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने संकेत दिए हैं कि जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है, जो भाजपा और पीडीपी सरकार की असफलता को साबित करता है। हाल ही में चिदंबरम ने कश्मीर समस्या के समाधान का रास्ता सुझाया था। साथ ही ये माना कि यूपीए सरकार भी कश्मीर समस्या से ठीक ढंग से नहीं निपट पाई। चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन के लिए आवाज उठ रही है। खुशी है कि लोगों को महसूस हुआ है कि पीडीपी और भाजपा सरकार एक आपदा है।
जम्मू कश्मीर की माननीय मुख्यमंत्री अगर भाजपा के साथ गठबंधन को तोड़, लोगों में शांति बनाए रखना चाहती हैं। अगर इसका मतलब यह है कि वहां राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है, तो ऐसा हो जाना चाहिए। हाल ही में चिदंबरम ने कश्मीर समस्या के समाधान का एक रास्ता सुझाया है। उनका कहना था कि कश्मीर समस्या का समाधान तभी हो सकता है जब वहां के लोगों को ज्यादा स्वायत्तता दी जाए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो देश को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
साथ ही चिदंबरम ने यह भी माना कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार भी इस मुद्दे से ठीक तरीके से नहीं निपट सकी। इधर टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, जम्मू कश्मीर के हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है। स्थानीय लोगों को गुस्सा बढ़ता जा रहा है। स्कूली बच्चे भी सुरक्षाबलों का विरोध करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में राजनीति के गलियारों में यह सुनने को मिल रहा है कि जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है।
भाजपा और पीडीपी गठबंधन के बीच बढ़ती दरार ऐसे खबरों को और हवा दे रही है। खबर के मुताबिक, सूत्रों से जानकारी मिली रही है कि बीजेपी हाईकमान राज्य में राष्ट्रपति शासन पर जल्द फैसला ले सकती है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 29 और 30 अप्रैल को राज्य का दौरा करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे के बाद महबूबा सरकार पर बड़ा फैसला केंद्र सरकार ले सकती है।