मुंबई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत 2036 का ओलंपिक अपनी धरती पर कराना चाहता है और देश पूरी कोशिश करेगा कि उसे इसकी मेजबानी का अवसर मिले।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के 141 वें अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए कहा ,“ भारत अपनी धरती पर ओलंपिक खेलों का आयोजन कराने के लिए बहुत उत्साहित है। साल 2036 में भारत में ओलंपिक का सफल आयोजन हो, इसके लिए भारत अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं रखेगा। ”
मुंबई के जियो इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आईओसी का यह अधिवेशन 40 साल बाद भारत में आयोजित किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिनिधियों का देश की 140 करोड़ जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि यह देश के लिए बड़े गौरव की बात है। आईओसी के अध्यक्ष थामन बाख की प्रस्तुति के बाद श्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आईओसी का यह 141वां सत्र भारत में होना बहुत खास है। उन्होंने कहा कि खेलकूद भारत में हमारी जीवनशैली और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। भारत के गांवों में जायें ताे पायेंगे कि बिना खेलकूद के हमारा हर उत्सव अधूरा है।
उन्होंने कहा कि पिछले ओलंपिक में कई भारतीय एथलीटों ने बेहतरीन प्रदर्शन किये थे। हाल में संपन्न हुए एशियाई खेलों में भारत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। इससे पहले विश्वविद्यालय खेलकूद टूर्नामेंट में भी हमारे युवा एथलीटों ने नये रिकॉर्ड बनाये।
प्रधानमंत्री ने कहा,“ हम खेलों को केवल खेलते ही नहीं बल्कि खेलों को जिन्दगी की तरह जीते हैं। सिंधु घाटी की सभ्यता या वैदिक सभ्यता हो, खेलों के प्रति हमारा दृष्टिकोण प्राचीन काल से हमारी सभ्यता में झलकता है।”
उन्होंने कहा , “ खेलकूद केवल प्रतिस्पर्धा ही नहीं होता बल्कि यह मानवता को अपने विस्तार का अवसर देता है। रिकॉर्ड कोई भी तोड़े, पूरी दुनिया उसका स्वागत करती है। खेलकूद में किसी की हार नहीं होती। इसमें सिर्फ विजेता और (विजय से ) सीख लेने वाले होते हैं। खेलकूद की भाषा शाश्वत है, खेल की भावना भी शाश्वत है। ”
इससे पहले आईओसी के अध्यक्ष श्री बाख ने अपने संबोधन में 2024 के पेरिस ओलंपिक को ‘शांति , बातचीत और आशा का ओलंपिक’ के रूप में सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पेरिस ओलंपिक अभियान के लिए तीर्थ है, यह ओलंपिक के संस्थापक पियरे डे कोबेर्टिन की जन्मभूमि है। पेरिस जीवन का शहर है, पेरिस प्रकाश का शहर है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक में एकता की महान शक्ति है। द्वंद और टकराव भरे आज के विश्व में हमें पेरिस ओलंपिक को भविष्य में अपनी आस्था का ओलंपिक के रूप में बनाने का प्रयास करना चाहिए।